Gyan Ki Baat : कांच टूटना अच्छा नहीं होता... ऐसा क्यों कहती हैं दादी-नानी?
चंडीगढ़, 12 फरवरी (ट्रिन्यू)
Gyan Ki Baat : हिंदू धर्म में प्रचलित कई मान्यताओं और अंधविश्वासों के अनुसार कांच का टूटना या चटकना अशुभ माना जाता है।। ऐसी मान्यता है कि कांच तोड़ने वाले व्यक्ति की आत्मा व नेगेटिव एनर्जी को अपने अंदर कैद कर लेता है। यही वजह है कि जब भी कांच टूट जाता है तो घर के बुजुर्ग या दादी-नानी भी उसे तुंरत बाहर निकालने के लिए कहती है।
क्या कहता है वास्तु शास्त्र?
वास्तु शास्त्र की मानें तो टूटने के बाद कांच की सकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाती है और वो अपने अंदर नकारात्मक ऊर्जा को अब्जॉर्ब कर लेता है। इससे ना सिर्फ आर्थिक संकट हो सकता है बल्कि घर के सदस्य बीमार भी हो सकते हैं। वहीं, ऐसा भी माना जाता है कि कांच का टूटना आने वाले संकट का संदेश माना जाता है।
घर में नहीं रखना चाहिए टूटा कांच
वास्तु के अनुसार, टूटे हुए कांच को घर में रखने से कई तरह की परेशानियां आ सकती है। इसके अलावा घर में टूटा या चटका हुआ कांच आर्थिक नुकसान के साथ-साथ मानसिक तनाव भी देता हैं इसलिए इसे तुरंत बाहर निकाल देना चाहिए।
सौभाग्य का भी माना जाता है प्रतीक
भले ही हिंदू धर्म में कई लोग इसे अशुभ मानते हो लेकिन कुछ देशों में इसे खुशी और सौभाग्य का प्रतीक भी माना जाता है। दरअसल, अगर गलती से कोई कांच या दर्पण टूट जाए तो यह इस बात का संकेत माना जाता है कि आप किसी आपदा से बच गए हैं। यह आपके जीवन में सकारात्मक बदलावों की शुरुआत का संकेत देता है। इसके अलावा शीशे या दर्पण का टूटना घर में पुराने विवादों के खत्म होने का भी संकेत हो सकता है।
बेडरूम में नहीं रखना चाहिए आईना
वास्तु के अनुसार, आपके बेडरूम में दर्पण यानी शीशा न रखने की सलाह दी जाती है। अगर आपको दर्पण रखना ही है तो ध्यान रखें कि इसमें आपके बिस्तर का प्रतिबिंबित न दिखे। अगर स्पेस की कमी के कारण बेड के सामने शीशा रखना पड़ रहा है तो उसे किसी कपड़े से ढक दें।
डिस्केलमनर: यह लेख/खबर धार्मिक व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribneonline.com इस तरह की बात की पुष्टि नहीं करता है।