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गुरुजी संभालेंगे जिम्मा, जीरो ड्राॅप आउट का लक्ष्य

07:38 AM Mar 23, 2025 IST
गुरुजी संभालेंगे जिम्मा  जीरो ड्राॅप आउट का लक्ष्य
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चंडीगढ़, 22 मार्च (ट्रिन्यू)
शिक्षा विभाग प्राइवेट स्कूल की तर्ज पर प्रवेश उत्सव शुरू होगा। विभाग ने जीरो ड्राॅप आउट का लक्ष्य निर्धारित किया है। गुरुजी प्रवेश उत्सव का जिम्मा संभालेंगे। प्रदेशभर के राजकीय स्कूलों में 23 मार्च रविवार से प्रवेश उत्सव शुरू होगा और 30 अप्रैल तक नामांकन चलेगा। विद्यालय मुखिया और स्कूल प्रबंधन कमेटी द्वारा प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर डोर-टू-डोर दस्तक दी जाएगी। उन विद्यार्थियों पर फोकस रहेगा, जो पिछले तीन सालों से स्कूल में नहीं गए हैं। जिन विद्यालयों में 11वीं में विज्ञान संकाय है, ऐसे विद्यालय अपने क्षेत्र के बच्चों को 8वीं व 10वीं पास करने वाले विद्यार्थियों को स्कूलों में लेकर आएंगे। इसको लेकर विशेष नामांकन अभियान चलाया जाएगा और घर जाकर बच्चों का दाखिला जाएगा। उन अभिभावकों से भी संपर्क साधा जाएगा, जिनके बच्चे स्कूल छोड़ चुके हैं।
हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से राज्य के सभी जिला शिक्षा अधिकारी, मौलिक शिक्षा अधिकारी, जिला परियोजना समन्वयक और खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि राजकीय स्कूलों में पहली अप्रैल से दाखिल प्रक्रिया शुरू होगी। इसको लेकर विभाग की ओर से व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा। पहली अप्रैल को ही परीक्षा परिणाम घोषित किया जाएगा और इसी दिन अगली कक्षाओं में बच्चों का नामांकन करने के साथ पुस्तकों का वितरण भी किया जाएगा।

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आउट ऑफ स्कूल बच्चों का कदम केंद्रों में होगा दाखिला

विभाग की ओर से शिक्षकों को जीरो ड्राॅप आउट का लक्ष्य दिया है। ऐसे बच्चे जो पिछले 3 वर्षों में ड्राॅप आउट हुए हैं, उन्हें विद्यालय में लाया जाएगा। प्रत्येक गांव, वार्ड स्तर पर स्कूलवार डाटा लेकर सभी ड्राॅप आउट विद्यार्थियों की पहचान की जाएगी। आंगनबाड़ी रजिस्टर, जन्म-मृत्यु रजिस्टर, सीएमओ कार्यक्रम, विजेश एजुकेशन रजिस्टर से आंकड़ा लिया जाएगा ताकि सभी प्रकार से कोई भी विद्यार्थी न छूट पाए। आउट ऑफ स्कूल बच्चों के लिए संचालित कदम केंद्रों के संचालकों से मिलकर नियमानुसार नजदीक स्कूलों में दाखिला किया जाएगा। विभाग के संज्ञान में आया कि गुरुग्राम व पंचकूला में कुछ एनजीओ स्कूल समय के दौरान बच्चों को स्कूल से बाहर पढ़ाते हैं, इसके लिए वे सीएसआर या एफसीआर से फंड लेते हैं। शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के तहत नॉन-फार्मल स्कूल चलाना अनुचित है।

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