ग्रामीण भारत की कला, संस्कृति में रंगे गुरुग्रामवासी
गुरुग्राम, 28 अक्तूबर (हप्र)
ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित व राष्ट्रीय ग्रामीण विकास व पंचायती राज संस्थान द्वारा समर्थित ‘सरस आजीविका मेला 2024’ में ग्रामीण भारत की अद्भुत कला, संस्कृति, और कारीगरी देखने का अवसर अब सिर्फ एक दिन शेष है। कल 29 अक्तूबर को मेला संपन्न होगा। यह मेला स्थानीय कारीगरों, शिल्पकारों, और उद्यमियों के अथक प्रयास और लगन का नतीजा है, जहां देश के विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों ने अपनी अनोखी और बहुमूल्य वस्तुएं प्रदर्शित की हैं। मेले में मौजूद विभिन्न स्टालों पर हाथ से बने उत्पाद जैसे हस्तशिल्प, बुनाई, मिट्टी के बर्तन, पारंपरिक परिधान, जैविक उत्पाद, और अनेक अनूठी वस्तुएं प्रदर्शित की गई हैं। सरस मेले के अंतिम दिन इन वस्तुओं का आनंद उठाने और ग्रामीण महिलाओं की मेहनत को सराहने का एक अद्भुत अवसर है। इस वर्ष, सरस मेले में ‘लखपति दीदियां’ विशेष आकर्षण बनी हुई हैं, जिन्होंने अपने उत्पादों के माध्यम से न केवल आर्थिक स्वतंत्रता हासिल की बल्कि अपने समुदाय के लिए प्रेरणा भी बनी हैं।
मेले में अंतिम दिन का खास आकर्षण स्थानीय सांस्कृतिक कार्यक्रम, लाइव प्रदर्शन, और ग्रामीण परिवेश से जुड़ी हस्तकला पर आधारित कार्यशालाएं हैं। मेले का अंतिम दिन उन सभी के लिए खास होगा जो ग्रामीण जीवन की विविधता, कारीगरी, और संस्कृति को नजदीक से समझना चाहते हैं।
सरस मेले के आयोजकों ने कहा,’हम मेले में आये सभी आगंतुकों का धन्यवाद करते हैं और उन्हें आमंत्रित करते हैं कि वे अंतिम दिन का भरपूर आनंद लें। कारीगरों और शिल्पकारों का समर्थन कर आप उनकी जीविका और पारंपरिक कला को बढ़ावा दे सकते हैं।’