गुरुग्रामवासी तरस रहे हैं मूलभूत सुविधाओं के लिए : आशीष दुआ
गुरुग्राम, 28 अगस्त (हप्र)
नये व पुराने गुरुग्राम की दशा बड़ी ही दयनीय है। गुरुग्राम विश्व में मिलेनियम सिटी के नाम से जाना जाता है। प्रदेश में सबसे अधिक राजस्व देने वाला जिला भी गुरुग्राम ही है। विश्व का ऐसा कोई देश नहीं है, जिसके प्रतिष्ठानों के गुरुग्राम में काॅर्पोरेट कार्यालय न हों। इसके बावजूद गुरुग्रामवासी मूलभूत सुविधाओं को लेकर संघर्ष करते आ रहे हैं, लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान आज तक नहीं हो पाया है।
यह कहना है कांग्र्रेस के राष्ट्रीय सचिव आशीष दुआ का। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम के विभिन्न क्षेत्रों में बिजली के तारों का जाल, खंभों की जर्जर स्थिति, सालों से रोड लाइट्स का खस्ताहाल, नियमित बिजली आपूर्ति न होना और लगातार बढ़ती दुर्घटनाओं का दंश गुरुग्रामवासियों को झेलना पड़ रहा है। सुरक्षा और सुविधा के नाम पर जिला प्रशासन व प्रदेश सरकार गुरुग्रामवासियों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रही है। मूलभूत सुविधाओं से शहरवासी वंचित हैं। सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है। प्रतिवर्ष जलभराव की समस्या का सामना गुरुग्रामवासियों को करना पड़ता है। कचरा व गंदगी शहर के विभिन्न क्षेत्रों में देखी जा सकती है। सफाई के नाम पर नगर निगम करोड़ों रुपये खर्च करता है, लेकिन शहर का ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं बचा, जहां पर कूड़ा कचरा जमा न हो। शहर का मुख्य सदर बाजार भी इस समस्या से बुरी तरह ग्रस्त है। शहर में कचरा डालने का कोई नियत स्थान नहीं है। प्रशासन ने कूड़े का पहाड़ खड़ा कर दिया है। आस-पास रहने वाले लोगों को दुर्गंध की समस्या का सामना भी करना पड़ रहा है।
दुआ का कहना है कि सड़कें भी जर्जर अवस्था में पहुंच चुकी हैं, जिससे दुर्घटनाओं की संख्या में वृद्धि हो रही है। उनका कहना है कि पिछले 10 वर्षों में वर्तमान भाजपा सरकार ने शहरवासियों को आश्वासन देने के सिवाय कुछ नहीं किया है। उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया है कि समय रहते समस्याओं का समाधान कराया जाए।