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गुरुग्राम MC ने म्यांमार व थाईलैंड हादसे से नहीं सीखा सबक, 54 इमारतें खतरनाक घोषित, पर एक्शन नहीं

01:40 PM Apr 02, 2025 IST
सांकेतिक फाइल फोटो।

दिनेश भारद्वाज/ट्रिब्यून न्यूज सर्विस, चंडीगढ़, 2 अप्रैल

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Haryana News: पिछले दिनों म्यांमार व थाईलैंड में भूंकप से हुए बड़े हादसे के बाद भी गुरुग्राम नगर निगम सबक नहीं ले रहा है। इन दोनों देशों में सैकड़ों इमारतें जमींदोज हो गईं। बड़ी संख्या में लोगों की जान भी गई है। वहीं नई दिल्ली से सटे अकेले गुरुग्राम में 54 ऐसी इमारतें हैं, जिन्हें खतरनाक घोषित किया जा चुका है। हरियाणा राज्य मानवाधिकार आयोग ने नगर निगम की लापरवाही पर कड़ा संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी किया है।

आयोग में 20 मई को होने वाली सुनवाई में निगम आयुक्त और चीफ इंजीनियर को व्यक्तिगत तौर पर पेश होने के आदेश जारी किए हैं। आयोग इस बात पर काफी नाराज है कि नगर निगम ने इन 54 इमारतों को लेकर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की। यहां बता दें कि 10 फरवरी, 2022 को गुरुग्राम की चिंटल पैराडाइसो सोसायटी की बहुमंजिला इमारत का एक हिस्सा गिरने से दो महिलाओं की मौत हो गई थी। इस हादसे में एक व्यक्ति घायल भी हुआ।

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यह मामला उस समय मनोहर सरकार के समय विधानसभा में भी उठा था। उस समय मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। सीबीआई द्वारा अभी तक दो चार्जशीट दायर की जा चुकी हैं। इनमें 11 लोगों को आरोपी बनाया है। इस घटना के बाद मानवाधिकार आयोग ने भी संज्ञान लिया। नगर निगम की ओर से आयोग को भेजी गई रिपोर्ट में कहा गया कि गुरुग्राम में 183 खतरनाक इमारतों को चिह्नित किया गया।

इनमें से 152 इमारतों का निरीक्षण भी किया गया। उस समय 80 इमारतों को खतरनाक माना गया। बड़ी बात यह है कि अब निगम की ओर से भेजी गई रिपोर्ट में इस संख्या को घटाकर 54 कर दिया है। इतना ही नहीं, 15 इमारतों का निगम ने अभी तक निरीक्षण भी नहीं किया है। आयोग ने अपने नोटिस में स्पष्ट तौर पर कहा है कि इससे स्पष्ट होता है कि नगर निगम इस मुद्दे पर कतई गंभीर नहीं है।

आयोग के अध्यक्ष जस्टिस (सेवानिवृत्त) ललित बतरा, सदस्य कुलदीप जैन और दीप भाटिया की पीठ ने नगर निगम की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। आयोग ने मुख्य अभियंता मनोज यादव को निर्देश दिए हैं कि वे अगली सुनवाई में 54 खतरनाक इमारतों और शेष 15 इमारतों की स्थिति पर ठोस कार्यवाही रिपोर्ट पेश करें।

20 मई को होगी सुनवाई

मानवाधिकार आयोग के प्रोटोकॉल, सूचना व जनसंपर्क अधिकारी डॉ. पुनीत अरोड़ा ने बताया की पूर्ण आयोग के आदेशानुसार, नगर निगम को चेतावनी दी है कि यदि इस मुद्दे पर जल्द कार्रवाई नहीं की गई, तो इसे सार्वजनिक सुरक्षा से समझौता करने के रूप में देखा जाएगा। अगली सुनवाई 20 मई को होगी। इसमें गुरुग्राम नगर निगम के आयुक्त और मुख्य अभियंता को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के आदेश दिए हैं।

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