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गुरुग्राम जेल सुपरिंटेंडेंट सुनील सांगवान का इस्तीफा, दादरी से लड़ेंगे चुनाव!

08:41 AM Sep 02, 2024 IST
सुनील सांगवान अपने पिता पूर्व सहकारिता मंत्री सतपाल सांगवान के साथ।

चंडीगढ़, 1 सितंबर (ट्रिन्यू)
भौंडसी (गुरुग्राम) जेल सुपरिंटेंडेंट सुनील सांगवान ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने सरकारी सेवाओं से वीआरएस लेने के लिए गृह व जेल विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी को पत्र भेजा है। उनका इस्तीफा जल्द ही मंजूर होने की भी उम्मीद है। जेल विभाग में साढ़े 22 वर्षों की सेवाओं के बाद अब सुनील सांगवान अपने पिता व पूर्व सहकारिता मंत्री सतपाल सांगवान की तरह राजनीति में एंट्री करेंगे।
सतपाल सांगवान टेलीकॉम डिपार्टमेंट में एसडीओ के पद पर कार्यरत थे। पूर्व सीएम दिवंगत चौ़ बंसीलाल के सबसे नजदीकियों में सतपाल सांगवान की गिनती होती थी। हेवीवेट होने की वजह से बंसीलाल प्यार से सतपाल सांगवान को ‘बुलडोजर’ कहा करते थे। 1996 में बंसीलाल के कहने पर ही सतपाल सांगवान ने एसडीओ की नौकरी से इस्तीफा दिया था। इस्तीफा देने के एक दिन बाद ही उन्होंने हरियाणा विकास पार्टी (हविपा) की टिकट पर चरखी दादरी से नामांकन दाखिल किया।
वे अपना पहला ही चुनाव जीतने में कामयाब रहे। 2009 में भी सतपाल सांगवान दादरी से विधायक बने और उस समय हुड्डा सरकार में पांच वर्षों तक सहकारिता एवं आवास मंत्री रहे। विवादों से दूर रहने वाले सांगवान ने राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाई है। सतपाल सांगवान को अपनी ‘बोल्डनेस’ के लिए भी जाना जाता है। लोकसभा चुनावों से पहले जब पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सतपाल सांगवान को भाजपा ज्वाइन करवाई थी तो उनकी इसके लिए सार्वजनिक तौर पर प्रशंसा भी की थी। चरखी दादरी के विकास के लिए हमेशा आवाज उठाते रहे सतपाल सांगवान की राजनीति को अब उनके बेटे सुनील सांगवान आगे बढ़ाएंगे। सूत्रों का कहना है कि भाजपा सुनील सांगवान को चरखी दादरी से विधानसभा चुनाव लड़वा सकती है। माना जा रहा है कि इस्तीफा मंजूर होने के बाद सुनील सांगवान जल्द ही भाजपा भी ज्वाइन कर लेंगे। 2 जनवरी, 2002 को सुनील सांगवान ने जेल विभाग में बतौर डिप्टी सुपरिटेंडेंट सरकारी सेवाओं की शुरुआत की थी।
उनकी पहली पोस्टिंग गुरुग्राम की भौंडसी जेल में ही हुई थी। संयोग से आज उन्होंने उसी जेल के सुपरिंटेंडेंट रहते हुए इस्तीफा दिया है। गुरुग्राम, फरीदाबाद, रोहतक, सोनीपत व झज्जर जैसी उन जेलों में सुनील सांगवान ने बतौर सुपरिंटेंडेंट कार्य किया, जिन्हें सबसे कुख्यात माना जाता है। सुनील सांगवान का बेटा और बेटी दोनों ही सेना में बतौर कैप्टन देश की सेवा कर रहे हैं। सुनील के बेटे की सियाचिन ग्लेशियर और बेटी की अरुणाचल में पोस्टिंग है।

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