Gujarat Bridge Collapse : 3 साल पहले चेताया, अब टूटा पुल... सामाजिक कार्यकर्ता की चेतावनी को किया गया नजरअंदाज
अहमदाबाद, 10 जुलाई (भाषा)
Gujarat Bridge Collapse : गुजरात के वडोदरा में महिसागर नदी पर बना पुल ढहने से 15 लोगों की मौत के मामले में, तीन साल पहले एक कार्यकर्ता ने सरकारी अधिकारी को पुल की "खतरनाक स्थिति" के बारे में आगाह किया था। इसके बाद अधिकारी ने भी स्वीकार किया था कि यह पुल "लंबे समय तक नहीं टिक पाएगा।”
'युवा सेना' नामक संगठन के प्रमुख व सामाजिक कार्यकर्ता लखन दरबार ने कहा कि उन्होंने अगस्त 2022 में एक सरकारी अधिकारी के साथ बातचीत के दौरान पुल के संबंध में चिंताएं जाहिर की थीं। पुल की खतरनाक स्थिति के बावजूद, जिम्मेदार एजेंसियों ने समय पर कार्रवाई नहीं की, जिसके कारण यह घटना हुई। बुधवार वडोदरा के पादरा कस्बे से सटे गंभीरा गांव के पास आणंद और वडोदरा जिलों को जोड़ने वाले चार दशक पुराने पुल का एक हिस्सा ढह जाने से कई वाहन महिसागर नदी में गिर गए। घटना के बाद लखन दरबार और सरकारी अधिकारी के बीच अगस्त 2022 में हुई बातचीत का एक ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
ऑडियो क्लिप में, लखन दरबार को राज्य सड़क एवं भवन विभाग के अधिकारी से पुल की मरम्मत कराने या नया पुल बनाने का आग्रह करते सुना जा सकता है। कार्यकर्ता ने अधिकारी को बताया था कि वडोदरा जिला पंचायत सदस्य हर्षद सिंह परमार ने भी विभाग को एक पत्र लिखकर चार दशक पहले बने इस पुल की हालत पर चिंता व्यक्त की थी। ऑडियो क्लिप में लखन दरबार कह रहे हैं, "सर, पुल खतरनाक हालत में है और परमार ने हाल ही में आर एंड बी विभाग को इस बारे में एक पत्र भी लिखा था। मैं कुछ समय से आपसे इस बारे में बात करने की कोशिश कर रहा हूं। लोगों की जान खतरे में है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
अपने जवाब में, अधिकारी को यह स्वीकार करते हुए सुना जा सकता है कि एक निजी सलाहकार द्वारा किए गए सर्वेक्षण से संकेत मिलता है कि पुल ज्यादा समय तक नहीं टिक पाएगा। अधिकारी ने उस समय दरबार से कहा था, "हमारा भी मानना है कि यह पुल ज्यादा समय तक नहीं टिक पाएगा... लेकिन हम इसे बंद कैसे कर सकते हैं? मैंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को इस बारे में बता दिया है। नया पुल बनाने या मौजूदा पुल को मजबूत करने का प्रस्ताव भी उन्हें भेज दिया गया है।
हमारी डिजाइन टीम पुल का दौरा करके तय करेगी कि यह ठीक है या नहीं। बुधवार को पुल के ढहने के बाद, दरबार मौके पर पहुंचे और पत्रकारों को बताया कि आर एंड बी विभाग ने यह जानते हुए भी कि यह खतरनाक है, इसे वाहनों के लिए बंद नहीं किया। कार्यकर्ता ने कहा कि यह मुख्य पुल है जो आणंद को वडोदरा जिले से जोड़ता है और हजारों वाहन रोजाना इससे गुजरते हैं। लोग पिछले कुछ समय से असामान्य कंपन की शिकायत कर रहे हैं।