मार्गदर्शक शिक्षा
कन्फ्यूसियस का जन्म चीन के शानदों प्रांत में 550 ईसा पूर्व हुआ था। मूलतः वह एक समाज सुधारक थे। हालांकि, लोग उनका सम्मान धार्मिक गुरु मानकर भी करते थे। कन्फ्यूसियस जब मात्र बीस बरस के ही थे, तभी उन्होंने जनकल्याण के मार्ग में पदार्पण किया। अपने विचारों के प्रचार-प्रसार के लिए उन्होंने बच्चों की पाठशाला के निर्माण का निर्णय किया था। इस पाठशाला में वह स्वयं ही बच्चों को पढ़ाते थे। कन्फ्यूसियस के कुछ अनुयायियों ने जिज्ञासा प्रकट की, ‘आचार्य, आप सीधे जनता के बीच अपने विचारों का प्रचार कर सकते हैं, फिर इस कार्य के लिए बच्चों की पाठशाला क्यों?’ कन्फ्यूसियस ने कहा, ‘रूढ़िवादी संस्कारों के कारण प्रौढ़ों को समझाना बहुत मुश्किल है। बच्चों की मनोभूमि अंधविश्वास, अविश्वास, संशय, तर्क, द्वेष, ईर्ष्या जैसे दुर्गुणों से दूषित नहीं होती। उनमें रोपे हुए सद्विचार आसानी से फलीभूत हो जाते हैं। इस प्रकार सच्ची मानवता के गुणों से ओतप्रोत यह नई पीढ़ी समाज के रंगमंच पर उतर कर समाज का सही मार्गदर्शन करेगी।’
प्रस्तुति : डॉ. मधुसूदन शर्मा