बच्चों के लिए मार्गदर्शक नाटक
मनमोहन गुप्ता मोनी
पुस्तक : हम बच्चे हिंदुस्तान के लेखक : गिरीश पंकज प्रकाशक : डायमंड पॉकेट बुक्स, नयी दिल्ली पृष्ठ : 96 मूल्य : रु. 150.
लेखक गिरीश पंकज की हाल ही में प्रकाशित पुस्तक ‘हम बच्चे हिंदुस्तान के’ में 11 एकांकी संगृहीत हैं। एक विशेष बात यह है कि ये नाटक बच्चों में देश प्रेम की भावना तो पैदा करते ही हैं, विभिन्न सामाजिक बुराइयों के प्रति भी उन्हें सचेत करते हैं। लेखक ने हर नाटक में दिशा-निर्देश दिए हैं ताकि मंचन में किसी भी प्रकार की कठिनाई न हो। पुस्तक का मुख्य नाटक ‘आज़ादी की अमर कहानी’ है, जिसमें आज़ादी के संघर्ष को बड़े ही बेहतरीन तरीके से समझाया गया है। बच्चों में आत्मविश्वास पैदा करने के लिए लिखा गया यह नाटक हर दृष्टि से सराहनीय है।
पुस्तक के अन्य नाटक ‘होमवर्क का भूत’, ‘मैं भी पढ़ूंगा’, ‘रोज़ पीएंगे दूध’, ‘हम बच्चे हिंदुस्तान के’ आदि बच्चों में राष्ट्रभक्ति की भावना उत्पन्न करने के साथ ही उन्हें रोज़मर्रा की ज़िंदगी से भी अवगत कराते हैं कि किस प्रकार वे अपने जीवन में उन्नति कर सकते हैं।
‘होमवर्क का भूत’ में यह बताने की कोशिश की गई है कि बच्चों को होमवर्क से मन नहीं चुराना चाहिए। उन्हें प्रसन्नतापूर्वक पढ़ाई करनी चाहिए।
‘लकड़हारा और पेड़’ एकांकी में बच्चों में यह भावना पैदा करने की कोशिश की गई है कि पेड़ों का संरक्षण बहुत जरूरी है। पुस्तक के सभी नाटक बच्चों को प्रेरित करने में सक्षम हैं। मंचन योग्य हैं। अधिकांश नाटकों में मंच सज्जा की जरूरत नहीं। अगर कहीं है भी तो साधारण ही है। इसका संकेत भी लेखक ने स्पष्ट कर दिया है। कुल मिलाकर सभी नाटक पढ़ने और मंचन के योग्य हैं।