अमरूद बाग घोटाला : फिरोजपुर के डीसी की पत्नी समेत तीन महिलाओं की अग्रिम जमानत याचिका रद्द
राजीव तनेजा/निस
मोहाली, 4 जून
मोहाली के गांव बाकरपुर में अधिगृहीत जमीन में अमरूदों के बगीचे दिखाकर करोड़ों रुपए हड़पने के आरोप में 18 लोगों पर केस दर्ज किया है। आरोपियों ने इसके लिए अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी। शनिवार को अदालत ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद उनकी अग्रिम जमानत याचिका रद्द कर दी। इस मामले में 18 लोगों को नामजद करते हुए जांच शुरू कर दी। इनमें से 10 आरोपियों की जमानत पहले ही रद्द हो चुकी है। वहीं, तीन आरोपियों की जमानत शनिवार को रद्द हो गई। इनमें फिरोजपुर के डीसी राजेश धीमान की पत्नी जैसमीन कौर, केस के मुख्य आरोपी भूपिंदर सिंह की पत्नी कुलविंदर कौर और उनकी बेटी मनप्रीत कौर की अग्रिम जमानत याचिका अदालत ने रद्द कर दी।
एफआईआर के अनुसार करोड़ों रुपए के कथित अमरूद के बाग मुआवजा घोटाले में आईएएस अधिकारी राजेश धीमान की पत्नी जसमीन कौर उन 18 आरोपियों में से एक हैं, जिन्होंने मोहाली के बकरपुर गांव में अमरूद के बागों के अधिग्रहण के लिए फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सरकार से मुआवजे के रूप में कथित तौर पर करोड़ों रुपये लिए थे। जसमीन कौर 1.17 करोड़ रुपए का मुआवजा मिला था। राजेश धीमान कुछ साल पहले मोहाली नगर निगम के कमिश्नर भी रह चुके हैं।
8 आरोपियों की जमानत पर सुनवाई कल
अमरूद बाग घोटले में नामजद अन्य आरोपियों की जमानत याचिका पर पांच जून को सुनवाई होनी है। अनिल अरोड़ा, रश्मि अरोड़ा, नीलम बंसल, किरण बंसल, सुनीता गुप्ता, सुखदेव सिंह, सतीश कुमार, अमरीक कौर ।
यह है मामला
विजिलेंस ब्यूरो ने ग़ैर-कानूनी मुआवज़ा घोटाले की जांच के दौरान राजस्व विभाग, भूमि अधिग्रहण कलेक्टर, गमाडा, सब-रजिस्ट्रार मोहाली, बाग़बानी विभाग आदि से बहुत से दसतावेज़ी रिकार्ड प्राप्त किये और कथित लाभार्थियों की कार्रवाई और उनकी भूमिका के बारे विस्तार से विश्लेषण किया। जांच के दौरान पता चला कि इन लाभार्थियों ने अलग-अलग विभागों के कुछ अधिकारियों/कर्मचारियों की मिलीभगत से ख़ुद को गलत फ़ायदा उठाकर सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाया है। निष्कर्ष के तौर पर इस मुकदमे में बहुत से लाभार्थियों को आरोपियों के तौर पर नामज़द करने के बाद उनकी गिरफ़्तारी के लिए उनके ठिकानों पर छापेमारी की गई।
पड़ताल के दौरान यह भी देखा गया कि पी.डी. गुप्ता, उनकी पत्नी सुनीता गुप्ता और उनके दोनों पुत्रों गौरव कांसल और अभिषेक कांसल, निवासी चंडीगढ़ ने साल 2018 में बाकरपुर गांव में एक एकड़ ज़मीन ख़रीदी थी, जिसमें हरेक सदस्य का बराबर 1/4 हिस्सा था। ज़मीन प्राप्ति की प्रक्रिया के दौरान उन्होंने धोखे से उक्त ज़मीन पर 2016 से अमरूद का बाग़ लगाने का झूठा दावा करके मुआवज़ा लेने के लिए लगभग एक करोड़ रुपए प्राप्त किए। जिस कारण इस मामले में उपरोक्त पारिवारिक सदस्यों को आरोपी के तौर पर नामज़द करके गौरव कांसल और उसकी माता सुनीता गुप्ता को गिरफ़्तार किया।
इसी तरह गांव बाकरपुर निवासी अमर सिंह के दोनों पुत्र गुरमिन्दर सिंह और हरमिन्दर सिंह और उनकी माता सुखराज कौर ने भी धोखादेही के साथ राजस्व और बाग़बानी विभागों के अधिकारियों की मिलीभगत से उनसे 1.84 करोड़ रुपए प्रति सदस्य मुआवज़े का दावा हासिल किया। उनको इस मामले में आरोपी के तौर पर नामज़द करके ब्यूरो की तरफ से गिरफ़्तार किया गया । गांव बाकरपुर के दलजीत सिंह की विधवा अमरीक कौर और उसके लड़के वरिन्दर सिंह ने कथित तौर पर 1.25 लाख रुपए प्रति सदस्य गलत मुआवज़ा लिया। अमरीक कौर को इस मामले में मुलजिम के तौर पर नामज़द करके गिरफ़्तार किया।