Micro Greens गमलों में उगाएं सेहत भरे ज्वारे
किचन गार्डन में थोड़ा से प्रयासों से सेहत प्रदान करने वाली लघु खेती कर सकते हैं। गमलों में हरी सब्जियां लगा सकते हैं। वहीं नवरात्रों में जौ के ज्वारे तो उगाते ही हैं तो उनके रसामृत का पान करें।
पर्यावरण प्रदूषण के असर से सब्जियां भी बीमार और उदास हो गई हैं। दरअसल बाजार के जरिये जो सब्जियां आती हैं उनमें आजकल रासायनिक खाद व पेस्टिसाइड्स की भरमार होती है। तो क्यों न उन्हें जहां तक हो सके बिना रासायनिक खाद आदि डाले अपने घरों में क्यारी या गमले में उगाएं। दिवाली से होली तक का समय हरी सब्जियों से भरपूर होता है तो हर व्यक्ति अपने छोटे मकान से बड़ी हवेली तक में गमलों में खेती करके अपने परिवार को सेहत देने का मार्ग अपना सकता है। सब्जियों के अलावा हम गेहूं व जौ के ज्वारे भी गमलों में उगा सकते हैं। दरअसल दिवाली के पूर्व नवरात्र होते हैं तो वहीं होली के बाद में भी चैत्र नवरात्रि का आगमन होता है। दोनों ही बार नवरात्रों में जौ व गेहूं के ज्वारे बोने को शुभ माना गया है। यानी इस शुभ समय सभी के घरों में स्थापना के समय खेतड़ी बीजते हैं। इन्हें हम ज्वारे के नाम से जानते हैं जो दरअसल तो हमारे जीवन के लिए अमृत है।
रस में मौजूद क्लोरोफिल
नवरात्रों में नौ दिन की पूजा के बाद हम इन्हें पानी में बहा देते हैं। ऐसी परंपरा है परन्तु हमें इन ज्वारों का रस निकलकर पीना चाहिए। इन ज्वारों के रस में क्लोरोफिल की मात्रा बहुत अधिक होती है। यह कैंसर सरीखे रोगों का नाशक एंटीऑक्सीडेंट इसमें पाया जाता है।
हीमोग्लोबिन व इम्यूनिटी वर्द्धक पेय
ज्वारों का रस प्रत्येक व्यक्ति चाहे वह बीमार हो या स्वस्थ- सभी 50 मिलीलीटर या 75 मिलीलीटर तक ले सकते हैं। इसके सेवन से हीमोग्लोबिन की मात्रा तो बढ़ती ही है वहीं जिनकी इम्युनिटी कमजोर हो उनके लिए भी ये ज्वारे रामबाण से कम नहीं हैं। प्रकृति दिवाली से होली के बाद आने वाले नवरात्रों तक हम सभी को इस अमृत को पीने का सन्देश देती है।
हरी सब्जियां भी उगाएं
सर्दियों में सामान्य रूप से मेथी, पालक, धनिया, मूली, शलगम, मटर, गाजर के अलावा बैगन, आलू, हरी मिर्च, टमाटर और लहसुन की गमलों या क्यारी में खेती करके तन व मन को स्वस्थ रख सकते हैं वहीं तुलसी को भी गमलों में लगा सकते हैं। यहां तक कि फूल गोभी , ब्रोकली, पत्ता गोभी , गांठ गोभी भी हम घर के गमलों में तैयार कर ताजा सब्जियों का आनन्द ले सकते हैं। फूलों को लगाकर वातावरण खुशबूदार बना सकते हैं।
औषधि व खुशी देने वाले पौधे
औषधीय पौधे हल्दी, अजवायन, मरवा, अदरक के अलावा लेमन ग्रास भी हम लगाकर सेहत की खेती कर सकते हैं। यूं भी किचन गार्डन से हमारा मन प्रसन्न रहता है क्योंकि वह खुद आप के द्वारा की गई मेहनत का प्रशाद है। यानी मेडिसिन के अलावा एक तरह से मेडिटेशन भी है।