ग्रुप-डी उम्मीदवारों ने आवाज बुलंद करने के लिए मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन
भिवानी, 11 दिसंबर (हप्र)
हरियाणा भर के ग्रुप-डी उम्मीदवार अपने अधिकारों और न्याय के लिए आवाज बुलंद कर रहे हैं। रोजगार के अधिकार को मानवीय गरिमा और स्वतंत्रता का आधार मानते हुए, ये उम्मीदवार रिक्त पदों के परिणामों की देरी के खिलाफ हरियाणा के 22 जिलों में संगठित हुए हैं। इसी कड़ी में आज ग्रुप डी के उम्मीदवार भाजपा जिला अध्यक्ष मुकेश गौड़ से मिले व उन्हें एक ज्ञापन मुख्यमंत्री के नाम भेजकर जल्द से जल्द ज्वाइनिंग की मांग की। गौरतलब होगा कि इससे पहले भी ज्वाइनिंग की बाट जोह रहे ग्रुप डी के उम्मीदवारों ने उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा था जिस पर उन्हें केवल आश्वासन ही मिला था। आज भी उनकी मांग अधूरी पड़ी है और वे दर- दर की ठोकरें खाने पर मजबूर हो रहे हैं। ग्रुप-डी उम्मीदवार सौरभ शर्मा, दीपक तंवर, अनूज, अमर कुमार, सुधीर, संदीप, विपिन, मंगल कौशिक, गजेंद्र, शंकर शर्मा ने संयुक्त रूप से रिक्त पदों के परिणामों की शीघ्र घोषणा और चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की मांग की है। उनके अनुसार, यह रोजगार का अधिकार सुनिश्चित करने और न्याय दिलाने के लिए आवश्यक है। सी.ई.टी. पास ग्रुप-डी उम्मीदवारों ने जिला अध्यक्षों से अपील की है कि वे इस गंभीर मुद्दे को हरियाणा के मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंचाएं।
ग्रुप-डी उम्मीदवारों के मुद्दे
रिक्त पदों के परिणामों की घोषणा मार्च 2024 में ग्रुप-डी पदों के परिणाम घोषित किए गए थे, जबकि अक्तूबर 2024 में ग्रुप-सी पदों के परिणाम आए। बेहतर अवसरों की वजह से बड़ी संख्या में उम्मीदवार ग्रुप-सी पदों पर चले गए, जिससे ग्रुप-डी में लगभग 8,000 से 10,000 पद खाली हो गए, फिल्टरिंग प्रक्रिया की कमी उम्मीदवारों की शिकायत है कि जो अभ्यार्थी ग्रुप-सी पदों पर चयनित हो चुके हैं, वे बिना उचित प्रक्रिया के ग्रुप-डी पदों में भी शामिल हो सकते हैं। इससे अन्य योग्य और प्रतीक्षा सूची में शामिल उम्मीदवारों के साथ अन्याय होगा।
उन्होंने कहा कि रिक्त ग्रुप-डी पदों के परिणामों की शीघ्र घोषणा की जाए, प्रतीक्षा सूची में शामिल उम्मीदवारों को जल्द से जल्द रोजगार का अवसर प्रदान किया जाए, डुप्लीकेट चयन रोकने के लिए फिल्टरिंग प्रक्रिया करने, ग्रुप-सी के चयनित उम्मीदवारों को ग्रुप-डी से बाहर करने, सहमति प्रक्रिया लागू करने, ओवरलैप करने वाले उम्मीदवारों से उनकी प्राथमिकता स्पष्ट करने के लिए सहमति ली जाने, सभी ग्रुप डी के रिक्त पदों की व्यापक समीक्षा कर यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी पद खाली न रहने की मांग की।