वायु प्रदूषण बढ़ने से ग्रैप -2 लागू, सांस के रोगियों की परेशानी बढ़ी
पानीपत, 7 नवंबर ( वाप्र)
औद्योगिक शहर पानीपत सहित एनसीआर में वायु प्रदूषण अधिक होने के कारण ग्रैप -2 लागू किया गया है। सीएक्यूएम के निर्देशानुसार ग्रैप -2 की हिदायत की परिपालना के लिए वायु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एडवाजरी जारी की है। नगर निगम के पेड़ पौधों पर पानी का छिड़काव करने साथ ही कंस्ट्रक्शन करने वालों को अब पोर्टल पर रिपोर्ट दाखिल करनी होगी। इसके अतिरिक्त कूड़ा जलाने पर एफआइआर दर्ज करवाने के निर्देश जारी किए गए हैं। एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 एसपीएम से अधिक होने पर ग्रैप -2 लागू किया जाता है। हालांकि पानीपत का एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 से कम है, लेकिन एनसीआर क्षेत्र में शामिल होने के कारण एनसीआर के हिदायतें यहां लागू होती है।
पराली जलाने पर कृषि विभाग मामले दर्ज कर रहा है। वहीं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि नगर निगम को एंटी स्मोकर्स मशीन उपलब्ध करवाई गई है। उन्हें डायरेक्शन दी गई है। सड़के साफ रहें साथ सोलिड वेस्ट न जलाया जाए।
25 कारण बताओ नोटिस जारी
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने डीजी सैट का सर्वे शुरु किया है। इस दौरान 19 और 19 केवीए से अधिक के लोड वाले जनरेटर पर यदि आरईसी डी (चैंबर) नहीं लगा है तो उनके खिलाफ ग्रैप-2 में कार्रवाई का प्रावधान है। 25 जनरेटर मालिकों को बोर्ड ने नोटिस जारी कर दिया है। ड्यूल फ्यूल जलाने वाले जनरेटर ही चलाए जा सकते हैं। 30 कंस्ट्रक्शन साइट की डस्ट पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन हुई है। अन्य कंस्ट्रक्शन साइट का सर्वे भी किया जा रहा है। इसके साथ ही खुले में कंस्ट्रक्शन सामग्री बिना ढके रखने पर भी प्रतिबंध है। यदि एयर क्वालिटी इंडेक्स अधिक बढ़ता है तो फिर ग्रैप-3 को लागू किया जाएगा। फिलहाल कंस्ट्रक्शन पर कोई रोक नहीं है। सिर्फ कंस्ट्रक्सट डस्ट पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है।