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दादी बोली-जाट के छोरे को मोदी ने उपराष्ट्रपति कैसे बनाया!

10:27 AM Dec 20, 2023 IST
दादी बोली जाट के छोरे को मोदी ने उपराष्ट्रपति कैसे बनाया
अपने अम्बाला आगमन के दौरान जाट समाज के लोगों से चर्चा करते उपराष्ट्रपति, साथ बैठे हैं हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज। -हप्र
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सुभाष चौहान/हप्र
अम्बाला, 19 दिसंबर
उपराष्ट्रपति अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के अवसर पर हरियाणा की एकदिवसीय यात्रा पर धर्मपत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ के साथ प्रदेश पधारे थे। उनका विमान अम्बाला एयरबेस पर उतरा जहाँ हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज और जाट समाज की खाप पंचायतों के प्रतिनिधियों द्वारा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का स्वागत किया गया। वहां खाप प्रतिनिधियों के साथ उपराष्ट्रपति धनखड़ की मुलाकात करीब आधा घंटा चली। इस दौरान अपने खांटी देसी अंदाज और हरियाणवी बोली में श्री धनखड़ ने कई रोचक किस्से सुनाए जिससे माहौल काफी खुशनुमा बन गया।
हरियाणा की चहल खाप के वाइस प्रेसिडेंट छज्जा राम चहल ने अपना परिचय दिया तो धनखड़ साहब ने बड़े विनोदपूर्ण तरीके से कहा ‘एक वाइस प्रेसीडेंट दूसरे वाइस प्रेसीडेंट से मिल रहा है।’ लंबे कद के नरवाल खाप के प्रधान भलेराम नरवाल से धनखड़ ने पूछा ‘थारी हाइट के है?’ जवाब में भलेराम ने बताया 6 फीट 2 इंच।
तो एक हाथी और चूहे के बच्चे की कहानी सुनाते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि हाइट तो मेरी भी 6 फ़ीट है, पर मेरी धर्मपत्नी के सामने झुकते-झुकते कम हो गयी है। इस पर जोरदार ठहाके लगे और डॉ. सुदेश धनखड़ भी स्वयं को मुस्कुराने से नहीं रोक सकीं। जींद जिले से आये बलबीर सिंह चहल ने बताया कि उनके गांव का नाम बड़ौदा है, तो उपराष्ट्रपति ने डॉ. सुदेश धनखड़ की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘इनका गोत्र है बड़ौदा और ससुराल का वालों का गोत्र सुनकर कान खड़े हो जाते हैं।’
नरवार खाप के दलवीर नरवार ने बताया कि गोहाना से आये हैं तो उपराष्ट्रपति ने गोहाना की जलेबी की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने इसका स्वाद खुद गोहाना जाकर लिया है। उपराष्ट्रपति ने पूर्व में अपनी हिसार यात्रा का जिक्र करते हुए बताया कि वहाँ एक बुजुर्ग दादी ने उनसे कहा कि ‘एक बार मोदी से मिलवा दे।’ श्री धनखड़ ने पूछा, ‘मोदी जी से मिलकर आपको क्या बात करनी है?’ तो दादी ने जवाब दिया, ‘मोदी जी को मिलके पूछना चाहती हूं कि जाट के छोरे को मोदी ने उपराष्ट्रपति कैसे बनाया।’
इसी तरह उपराष्ट्रपति ने एक और पुराना रोचक किस्सा सुनाया ‘आजादी के कुछ पहले, एक जाट जयपुर आ गया। वहां एक ढ़ाबा था। जाट बोला कि रोटी खानी है। ढ़ाबे वाला बोला कि एक आने की 2 रोटी है। जाट ने निराश होकर कहा भाई तब तो नहीं खाई जायेगी। इस पर ढ़ाबे वाले ने शर्त रखी कि चौधरी अगर 50 रोटी खा ले तो मुफ्त में खिलायेगा। जाट खाने लगा और ढ़ाबे वाला गिनने को दीवार पर लाइन खींचता जाता। जब लाइन 40 पर पहुंच गई तो ढाबा वाला घबराया और वो मिटाने लग गया। जाट बोला ‘ये धांधली नहीं चलेगी, अब फिर दोबारा से एक से गिनना शुरू कर।’ उपराष्ट्रपति की हाजिर जवाबी और किस्सों का सभी ने भरपूर आनंद लिया और उनके हरियाणा आगमन पर बहुत धन्यवाद व्यक्त किया।

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