राज्यपालों को आत्मावलोकन की जरूरत : सुप्रीम कोर्ट
नयी दिल्ली, 6 नवंबर (एजेंसी)
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राज्यपालों को थोड़ा आत्मावलोकन करने का सुझाव दिया। शीर्ष अदालत ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को पंजाब विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों पर राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित की ओर से उठाए गए कदमों पर अद्यतन स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि राज्यपालों को मामले सुप्रीम कोर्ट में आने से पहले ही विधेयकों पर कार्यवाही करनी चाहिए।
पंजाब के राज्यपाल की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने राज्य सरकार द्वारा दायर याचिका को अनावश्यक मुकदमा बताया। उन्होंने पीठ को बताया कि राज्यपाल ने उनके पास भेजे गए विधेयकों पर कार्यवाही की है। पीठ ने कहा, ‘राज्यपालों को मामला सुप्रीम कोर्ट आने से पहले ही कार्यवाही करनी चाहिए। इस चलन को खत्म करना होगा कि राज्यपाल तभी काम करते हैं जब मामला सुप्रीम कोर्ट आता है... राज्यपालों को थोड़ा आत्मावलोकन की आवश्यकता है और उन्हें पता होना चाहिए कि वे जनता के निर्वाचित प्रतिनिधि नहीं हैं।’ अदालत ने मामले पर अगली सुनवाई के लिए 10 नवंबर की तारीख तय की है।