परिषद, पालिकाओं के चेयरमैनों से सरकार ने वापस ली डीडी पावर
चंडीगढ़, 14 जुलाई (ट्रिन्यू)
शहरी स्थानीय निकायों यानी नगर परिषदों और नगर पालिकाओं में भ्रष्टाचार की लगातार आ रही शिकायतों पर मनोहर सरकार ने कड़ी चोट की है। नगर परिषद चेयरमैन और पालिकाओं के अध्यक्षों से ड्राइंग एंड डिस्बर्समेंट यानी डीडी पावर वापस ले ली है। यह फैसला सरकार ने बहुत पहले ले लिया था लेकिन परिषद और पालिकाओं के अध्यक्षों के विरोध के चलते इसे होल्ड किया हुआ था।
पूरे प्रदेश से रिपोर्ट और फीडबैक हासिल करने के बाद सरकार ने अपने फैसले को लागू करने का निर्णय लिया है। शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने इसके लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। माना जा रहा है कि इस फैसले से विकास कार्यों में पारदर्शिता आएगी और भ्रष्टाचार कम होगा। कई बार ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जब ठेकेदारों की पेमेंट के चेक साइन करने से पहले उनके साथ सौदेबाजी होती थी। इस वजह से विकास कार्यों की क्वालिटी के साथ भी समझौता होता था।
सूत्रों का कहना है कि शहरों में अधिकांश वार्ड पार्षद सरकार के इस फैसले से सहमत हैं। विभाग द्वारा जारी किए नोटिफिकेशन के तहत नगर परिषद और नगर पालिकाओं के अध्यक्ष अब किसी भी प्रकार के चेक पर साइन नहीं कर सकेंगे। यहां बता दें कि पिछले दिनों झज्जर शहर में इसी तरह का एक बड़ा घोटाला सामने आ चुका है। एक गली के निर्माण के लिए 13 लाख रुपये के करीब की अदायगी कर दी गई।