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घोटाले के आरोपी 3 अधिकारियों को बर्खास्त करेगी सरकार

10:14 AM Feb 07, 2024 IST
घोटाले के आरोपी 3 अधिकारियों को बर्खास्त करेगी सरकार
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चंडीगढ़, 6 फरवरी (ट्रिन्यू)
हरियाणा के सहकारिता विभाग में हुए सौ करोड़ के घोटाले में कार्रवाई करते हुए सरकार बहुत जल्द मुख्य तीन आरोपियों को नौकरी से बर्खास्त करने जा रही है। मंगलवार को हरियाणा के सहकारिता मंत्री डॉ.बनवारी लाल ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात करके इस घोटाले के संबंध में रिपोर्ट देते हुए तीन अधिकारियों को नौकरी से बर्खास्त करने की सिफारिश भी की। एसीबी ने जांच के दौरान हरियाणा के सहकारिता विभाग में करीब सौ करोड़ रुपये का घोटाला बेनकाब किया है। इसमें एक दर्जन से अधिक अधिकारी व कर्मचारी गिरफ्तार हो चुके हैं। इस मामले की जांच में रोजाना नए-नए खुलासे हो रहे हैं। मंगलवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात के सहकारिता मंत्री डॉ.बनवारी लाल ने कहा कि एसीबी द्वारा अपनी जांच में जिन कर्मचारियों व अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, उन्हें निलंबित किया जा चुका है। इस घोटाले के तीन मुख्य किरदार सामने आए हैं। जिसके आधार पर सहकारिता विभाग द्वारा तत्कालीन सहायक रजिस्ट्रार अनु कौशिक, डिप्टी चीफ आॅडिटर योगेंद्र अग्रवाल और सहायक रजिस्ट्रार सहकारी समितियां रामकुमार को नौकरी से बर्खास्त करने की फाइल सरकार को भेज दी गई है। बनवारी लाल ने कहा कि इस मामले की जांच एसीबी द्वारा की जा रही है। जांच के चलते ऐसे संकेत मिले हैं कि यह घोटाला वर्ष 2005 से चल रहा था। जिसके चलते एसीबी को इस मामले में विस्तृत जांच के लिए कहा गया है। वर्ष 2005 से लेकर अब तक की जांच में कई नए खुलासे होंगे।

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गिरफ्तार अधिकारियों की संख्या 15 पर पहुंची

एंटी करप्शन ब्यूरो ने जिन अधिकारियों को गिरफ्तार किया है, उसमें अब कैथल के जीएम विजय भांभू, मुख्यालय के आडिट आफिसर बलविंदर, डिप्टी चीफ आडिटर योगेंद्र अग्रवाल, जिला रजिस्ट्रार सहकारी समितियां करनाल रोहित गुप्ता, सहायक रजिस्ट्रार सहकारी समिति अनु कौशिक, सहायक रजिस्ट्रार सहकारी समिति रामकुमार, सहायक रजिस्ट्रार सहकारी समिति जितेंद्र कौशिक, सहायक रजिस्ट्रार सहकारी समिति कृष्ण बेनीवाल शामिल हैं। आइडीपी रेवाड़ी के लेखाकार सुमित अग्रवाल, डेवलपमेंट अधिकारी नितिन शर्मा तथा विजय सिंह की गिरफ्तारी की भी गई है। जिन चार निजी लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें स्टालिन जीत, नताशा कौशिक, सुभाष तथा रेखा शामिल हैं। स्टानिल जीत की बैन्स इंडिया लिमिटेड के नाम से कंपनी है, जिसकी ब्रांच कनाडा में भी खोल रखी है। घोटाले में सहकारिता विभाग के पांच अधिकारियों को अभी तक निलंबित किया जा चुका है। इनमें महेंद्रगढ़ के एआर (अतिरिक्त रजिस्ट्रार) सुधीर अहलावत, कैथल के एआर जितेंद्र कौशिक और कृष्ण चंद्र शामिल हैं, जबकि अनु कौशिक और रोहित गुप्ता पहले से निलंबित चल रहे हैं। सरकार द्वारा सुमित अग्रवाल को बर्खास्त किया जा चुका है। इनके विरुद्ध एंटी करप्शन ब्यूरो के गुरुग्राम, अंबाला व करनाल थानों में 10 एफआइआर दर्ज की जा चुकी हैं।

मुझे नहीं थी पहले कोई जानकारी : बनवारी

सहकारिता मंत्री बनवारी लाल ने कहा कि एसीबी ने जिस तरह से इस मामले की जांच करके रिपोर्ट दी है यह प्रशंसनीय एवं चौंकाने वाला है। विपक्ष के बयानों को खारिज करते हुए बनवारी लाल ने कहा कि उन्हें इस घोटाले के बारे में पहले से कोई जानकारी नहीं थी। एसीबी की सिफारिश पर विभागीय कर्मचारियों व अधिकारियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है।

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धोखाधड़ी का शिकार लोग एसीबी के समक्ष पेश

एंटी करप्शन ब्यूरो की जांच से पूरे सहकारिता विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। अब वे लोग भी धीरे-धीरे सामने आने लगे हैं, जिनके साथ धोखाधड़ी हुई। यह वे लोग हैं, जिनके नाम पर फर्जी सहकारी समितियां और स्वयं सहायता समूह बनाए गए। उनके नाम पर लोन पांच से 15 लाख रुपये के स्वीकृत हुए, जबकि उन्हें मिले सिर्फ दो से तीन लाख रुपये। ऐसे लोगों को उनके परिजनों को सहकारिता विभाग में सरकारी नौकरियां लगवाने का लालच भी दिया गया, ताकि वे अपने नाम से सहकारी समितियां, सासाइटियां और स्वयं सहायता समूह खुलवाने पर राजी हो सकें।

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