लीज भूमि पर स्थापित प्रोजेक्ट से पर्यावरण सेस वसूलेगी सरकार
शिमला, 28 मार्च (हप्र)
हिमाचल प्रदेश में अब लीज पर ली गई सभी प्रकार की भूमि पर स्थापित परियोजनाओं से सरकार पर्यावरण सेस वसूलेगी। इसके लिए शुक्रवार को विधानसभा में भू-राजस्व संशोधन विधेयक 2025 को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद प्रदेश में स्थापित परियोजनाओं पर पर्यावरण सेस लगना शुरू हो जाएगा।
बिल पर हुई चर्चा के दौरान मुख्यमत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल की संपदा को कैसे वापस लाया जाए इसको लेकर भू-राजस्व बिल लगाया गया है। उन्होंने सदन में बताया कि राज्यपाल से मंजूरी के बाद जब यह एक्ट बन जाएगा तो शुरुआत में इससे 500 से 1000 करोड़ रुपए की आय एक वित्तीय वर्ष में होने का अनुमान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिल को लाने से पहले सरकार ने कंसलटेंट फर्म की सेवाएं ली थी, जिसके बाद इस बिल को लाया गया। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने बीते रोज भू-राजस्व संशोधन विधेयक सदन में प्रस्तुत किया था। इस विधेयक के अनुसार प्रदेश में किराए पर ली गई भू जोत अथवा सरकारी भूमि पर पर्यावरण सेस लगेगा। किसानों व सरकार को पर्यावरण सेस के दायरे से बाहर रखा गया है। शुक्रवार को राजस्व मंत्री ने यह संशोधन विधेयक सदन में चर्चा के लिए पेश किया और चर्चा के बाद इसे पारित कर दिया गया। विधेयक के पारित होने के बाद प्रदेश में पर्यावरण सेस की वसूली का रास्ता साफ हो गया है। राजस्व मंत्री ने कहा कि किराए के साथ-साथ सरकार से लीज पर ली गई भूमि में से उपयोग के बाद शेष बची भू जोत पर यह सेस लगेगा। सेस का समय पर भुगतान न करने पर भू राजस्व का एक फीसदी की दर से ब्याज का भुगतान भी करना होगा। पर्यावरण सेस की दर भू-जोत से लिए जाने वाले भू राजस्व का 2 फीसदी होगी।
नशे के सौदागरों को मृत्यु दंड पर मुहर
हिमाचल प्रदेश विधानसभा ने राज्य में नशे के सौदागरों को मृत्यु दंड पर मुहर लगा दी है। विधानसभा ने इस संबंध में शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश संगठित अपराध निवारण एवं नियंत्रण विधेयक 2025 ध्वनिमत से पारित कर दिया। इस विधेयक में नशे के सौदागरों को न केवल आजीवन कारावास का प्रावधान है, बल्कि उन्हें मृत्युदंड का भी इसमें प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को विधानसभा में हिमाचल प्रदेश संगठित अपराध निवारण एवं नियंत्रण विधेयक सदन में पेश किया था। विधेयक के पारित होने के बाद अब प्रदेश में नशे के सौदागरों को न सिर्फ आजीवन कारावास, बल्कि मृत्यु दंड की सजा भी होगी। इसके साथ-साथ 10 लाख तक के जुर्माने का प्रावधान भी कानून में किया गया है। मुख्यमंत्री ने विधेयक पर हुई चर्चा के जवाब में कहा कि सरकार फिलहाल इस कानून को लागू करने जा रही है, क्योंकि प्रदेश में मौजूदा हालात को देखते हुए इसकी अत्यधिक जरूरत है। उन्होंने कहा कि यदि जरूरी हुआ तो भविष्य में इसमें संशोधन कर इसे और कड़ा बनाया जाएगा। इससे पूर्व, भाजपा विधायक त्रिलोक जम्वाल ने इस विधेयक को प्रदेश सरकार की बहुत अच्छी पहल करार दिया। उन्होंने कहा कि इस कानून को फिलहाल सरकार को सेलेक्ट कमेटी को विचार के लिए भेज देना चाहिए, ताकि इसे और अच्छा बनाया जा सके।