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Government School जीरो ड्रॉपआउट में नहीं चलेगा फर्जीवाड़ा, निदेशालय से टीम जांचेगी रिकार्ड

04:37 AM Mar 26, 2025 IST

चंडीगढ़, 25 मार्च (ट्रिन्यू)
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में घटते नामांकन और बढ़ती ड्रॉपआउट दर को रोकने के लिए शिक्षा विभाग ने व्यापक अभियान शुरू किया है। इस पहल को प्रभावी बनाने के लिए मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री भी सक्रिय भूमिका निभाएंगे। वे सोशल मीडिया और प्रचार अभियानों के जरिए प्रवेश उत्सव को बढ़ावा देंगे, जिससे अधिकतम बच्चों का नामांकन सुनिश्चित किया जा सके।
हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद ने 6 से 14 वर्ष आयु वर्ग के सभी बच्चों के शत-प्रतिशत नामांकन, स्कूलों में ठहराव और अवस्थांतर (अगली कक्षा में प्रमोशन) का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस संबंध में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों, मौलिक शिक्षा अधिकारियों और खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे शैक्षणिक सत्र 2025-26 में जीरो ड्रॉपआउट सुनिश्चित करें। इसके तहत हर सप्ताह की रिपोर्ट निदेशालय को भेजी जाएगी।
शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने शिक्षकों को एक स्नेह पत्र भेजा है, जिसमें उन्हें प्रोत्साहित करने के साथ-साथ सख्त चेतावनी भी दी गई है कि जीरो ड्रॉपआउट अभियान में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके अलावा, फर्जीवाड़े की किसी भी आशंका पर शिक्षा निदेशालय सीधी निगरानी रखेगा। शिक्षा निदेशालय ने निगरानी के लिए एक विशेष टीम गठित की है, जो हर सप्ताह दो जिलों का निरीक्षण करेगी। यह टीम स्कूलों में नामांकन और ड्रॉपआउट की स्थिति का आकलन कर सीधे शिक्षा निदेशक को रिपोर्ट भेजेगी। जिला स्तर पर डीईओ (जिला शिक्षा अधिकारी) जीरो ड्रॉपआउट लक्ष्य के प्रभारी होंगे। डीईईओ (जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी) सचिव की भूमिका में रहेंगे। डीपीसी (जिला परियोजना समन्वयक) और डाइट प्राचार्य टीम के सदस्य होंगे। 22 जिलों के लिए निदेशालय और एससीईआरटी के अधिकारी नामांकन और ड्रॉपआउट पर नजर रखेंगे।

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बताई जा रही स्कूलों की उपलब्धियां

शिक्षक नामांकन बढ़ाने के लिए स्कूलों की सुविधाओं और सरकारी योजनाओं के बारे में अभिभावकों को जागरूक कर रहे हैं। इनमें शामिल हैं— नियमित मूल्यांकन और सेट परीक्षाएं, हर शनिवार ‘जॉयफुल सैटरडे’ गतिविधियां, नीट और आईआईटी-जेईई की निःशुल्क कोचिंग, हर महीने पीटीएम बैठकें, निःशुल्क वर्दी, किताबें, बैग, स्टेशनरी और कक्षा 6 व 9 के एससी छात्रों को साइकिल, मिड-डे मील और छात्रा परिवहन सुरक्षा योजना शामिल हैं।

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