जींद जिले में सरकारी चिकित्सा सेवाएं खुद बीमार, डॉक्टरों, स्पेशलिस्ट का संकट
जसमेर मलिक/हप्र
जींद, 14 जनवरी
जींद जिले में स्वास्थ्य विभाग के पास मेडिकल ऑफिसरों से लेकर डिप्टी सिविल सर्जन तक के अहम पदों का भारी संकट है। मेडिकल ऑफिसरों और कई विशेषज्ञों के अभाव में जींद जिले में स्वास्थ्य सेवाएं खुद वेंटिलेटर पर हैं। 16 लाख से ज्यादा की आबादी वाले जींद जिले की स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में हालत बहुत पतली है। जींद के सिविल अस्पताल की बात की जाए, तो इसमें मेडिकल अफसर के 55 पद मंजूर हैं। इस समय इनमें से 34 पद खाली पड़े हैं। केवल 21 एमओ की सिविल अस्पताल में हकीकत में तैनाती है। नरवाना के सिविल अस्पताल में मेडिकल अफसर के 42 पद स्वीकृत हैं। इनमें से 37 पद खाली हैं। केवल 5 एमओ नरवाना के सिविल अस्पताल में तैनात हैं। सफीदों के सब डिवीजन अस्पताल में सरकार की तरफ से मेडिकल अफसर के 11 पद स्वीकृत हैं। इस समय केवल एक एमओ और एक एसएमओ की वहां तैनाती है। उचाना के सब डिवीजन अस्पताल में एमओ के 11 पद स्वीकृत हैं। इनमें से 9 पद खाली हैं। सीएचसी जुलाना की बात की जाए तो इसमें एमओ के 7 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 4 पद खाली पड़े हैं। जिले की पीएचसी और सीएचसी की बात की जाए तो इनमें भी एमओ के आधे से ज्यादा पद खाली पड़े हैं।
डिप्टी सिविल सर्जन के 9 पद, केवल 2 पर नियुक्ति : जींद में डिप्टी सिविल सर्जन के 9 पद स्वीकृत हैं। इनमें 8 डिप्टी सिविल सर्जन और एक डिप्टी सिविल सर्जन डेंटल का पद शामिल हैं। इस समय केवल एक डिप्टी सिविल सर्जन और एक डिप्टी सिविल सर्जन डेंटल की ही नियुक्ति जींद में है। डिप्टी सिविल सर्जन के बाकी पदों पर एसएमओ या एमओ को डिप्टी सिविल सर्जन का कार्यभार देकर काम चलाया जा रहा है।
पद भरने का कर रहे अनुरोध : डॉ. कटािरया
डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. पालेराम कटारिया का कहना है कि जींद के सिविल अस्पताल तथा जिले के दूसरे सरकारी चिकित्सा संस्थानों में मेडिकल अफसर के खाली पदों को भरने के लिए मुख्यालय से लगातार अनुरोध किया जा रहा है। कम मैनपावर के बावजूद जिले में चिकित्सा सेवाओं को बेहतर बनाने का हर संभव प्रयास हो रहा है।
सिविल सर्जन और पीएमओ के पद खाली
जिले में स्वास्थ्य सेवाओं में अधिकारियों की कितनी बड़ी कमी है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले दो महीने से भी ज्यादा समय से जींद में सिविल सर्जन और सिविल अस्पताल जींद के पीएमओ का पद भी खाली पड़ा है। सिविल सर्जन पद से डॉ गोपाल गोयल 30 नवंबर को रिटायर हो गए थे। उनकी जगह अब तक किसी को सिविल सर्जन के पद पर नियुक्त नहीं किया गया है। हिसार की सिविल सर्जन को जींद का एडिशनल चार्ज दिया गया है। सिविल अस्पताल के पीएमओ डॉ जितेंद्र कादियान पिछले साल स्वास्थ्य विभाग में निदेशक के पद पर पदोन्नत हो गए थे। तब से सिविल अस्पताल में पीएमओ का पद भी खाली पड़ा है। उचाना के सिविल अस्पताल में एमओ के खाली पदों का मामला विधानसभा में बीजेपी विधायक देवेंद्र अत्री उठा चुके हैं।