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सरकार विपक्ष के हर मुद्दे पर चर्चा को तैयार : सुक्खू

07:44 AM Sep 04, 2024 IST

ज्ञान ठाकुर/हप्र
शिमला, 3 सितंबर
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में सत्ता पक्ष व विपक्ष के बीच बीते पांच दिनों से चल रहा गतिरोध आज मंगलवार को खत्म हो गया। गतिरोध मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की इस घोषणा के साथ खत्म हुआ कि सरकार विपक्ष द्वारा लाए गए हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है और इसमें नियम-67 के तहत प्रदेश की वित्तिय स्थिति को लेकर काम रोको प्रस्ताव भी शामिल है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने विपक्ष द्वारा उठाए गए विभिन्न मुद्दों पर सरकार की स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है, इसलिए विपक्ष सत्र को सुचारू रूप से चलाने में सहयोग करे। उन्होंने यह भी कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष को काफी अधिक समय दिया है। उन्होंने कहा कि सदन नियमों से चलता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर विपक्ष सही ढंग से अपने मुद्दे उठाता तो गतिरोध ही नहीं बनता।
इससे पूर्व आज मंगलवार सुबह सदन की बैठक आरंभ होते ही नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने प्वाइंट आॅफ आॅर्डर के माध्यम से सरकार और विपक्ष के बीच चल रहे गतिरोध का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि विपक्ष बीते रोज प्रदेश की गंभीर होती जा रही आर्थिक स्थिति को लेकर स्थगन प्रस्ताव लाया था लेकिन इस पर बोलने की इजाजत ही नहीं दी गई। यह नहीं विपक्ष कर्मचारियों और पेंशनरों को वेतन व पेंशन न मिलने का मामला भी चर्चा में लाने के लिए तैयार था। उन्होंने कहा कि विपक्ष को विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ कोई व्यक्तिगत नाराजगी नहीं है। लेकिन चुनाव के दौरान उनके द्वारा कहे गए कुछ शब्दों से विपक्ष के सदस्यों की भावनाएं आहत हुई है और वह इस पर अध्यक्ष से स्पष्टिकरण चाहते हैं। इसी के चलते विपक्ष ने अध्यक्ष के खिलाफ विधानसभा सचिव को नियम-274 के तहत अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस भी दिया है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष द्वारा मीडिया में विपक्ष को बुरा भला करने पर भी नाराजगी जताई।
संसदीय कार्यमंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि सरकार चाहती है कि सदन सुचारू रूप से चले। इसलिए सरकार ने अबतक का सबसे लंबा मानसून सत्र रखा। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने बीते रोज नियम-67 के तहत स्थगन प्रस्ताव का जिक्र नहीं किया। यही नहीं विपिन सिंह परमार ने भी सिर्फ विधानसभा अध्यक्ष को लेकर ही अपनी बात रखी। उन्होंने विपक्ष के एजेंडे को तरजीह न देने के जयराम ठाकुर के आरोपों को भी नकारा और कहा कि नियम-61, 62 और 63 के तहत 10 में से आठ मुद्दे विपक्ष के सदस्यों से संबंधित है।
भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान पर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया। रणधीर शर्मा ने कहा कि उन्होंने बीते रोज तीन बार नियम-67 के तहत प्रदेश की आर्थिक स्थिति का मुद्दा उठाना चाहा लेकिन उन्हें अनुमति नहीं दी गई। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने विधानसभा अध्यक्ष की ओर से पक्ष रखते हुए कहा कि कुलदीप सिंह पठानिया अपने ही मिजाज के अध्यक्ष है और यह बात पूरे देश को पता लग चुकी है। उन्होंने कहा कि विपक्ष इसी बात को लेकर स्पष्ट नहीं है कि उसे सरकार के साथ लड़ना है या स्पीकर के साथ।

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निष्पक्ष रहा है मेरा आचरण : पठानिया

विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि विधानसभा के अब तक हुए छह सत्रों के दौरान उनका आचरण पूरी तरह से निष्पक्ष रहा है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में विपक्ष की भूमिका सबसे अहम है। इसलिए वह खासकर नेता प्रतिपक्ष को ज्यादा समय देते हैं। पठानिया ने कहा कि वह लोकतंत्र में विश्वास रखते हैं और वह सभी को विश्वास में लेकर सदन चलाते हैं। विधानसभ अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने सदन के भीतर कोई गलत व्यवहार नहीं किया है। उन्होंने कहा कि चुनावों में शब्दों का प्रयोग राजनैतिक लाभ लेने के लिए होता है और संभवतः उन्होंने भी उपचुनावों में पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए कोई टिप्पणी की होगी। क्योंकि उस समय हालात ऐसे थे कि सरकार एक साल में ही गिरने वाली है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि अगर विपक्ष चाहता है तो विधानसभा से बाहर प्रेस वार्ता कर उन शब्दों के बारे में भी स्थिति स्पष्ट कर सकते हैं।

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