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कर्मचारियों की पदोन्नति- नियुक्तियों को लेकर सरकार एक्शन मोड में

07:27 AM May 04, 2024 IST
कर्मचारियों की पदोन्नति  नियुक्तियों को लेकर सरकार एक्शन मोड में
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ज्ञान ठाकुर/हप्र
शिमला, 3 मई
हिमाचल प्रदेश सरकार हाईकोर्ट के आदेशों के बाद कर्मचारियों की पदोन्नति और नियुक्तियों को लेकर एक्शन मोड में आ गई है। राज्य के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने सामान्य प्रशासन विभाग को पदोन्नति व नियुक्ति की व्यवस्था के लिए दिशानिर्देश तैयार करने को कहा है। सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से इस संबंध में काम शुरू कर दिया गया है। इसमें केंद्रीय चुनाव आयोग की निर्देशिका का पालन करने को कहा है। उसके बाद सभी सरकारी विभागों को सरकार की ओर से पदोन्नति से संबंधित दिशा-निर्देश भेजे जाएंगे। ऐसा प्रदेश हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद किया जा रहा है। हाईकोर्ट ने इस संबंध में मुख्य सचिव को स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा था। सरकारी विभागों को निर्देशिका भेजने से पहले मुख्य सचिव स्वयं देखेंगे और स्वीकृति प्रदान करेंगे। चुनाव आयोग ने पूछा था कि सरकार ने पदोन्नतियां चुनाव घोषित होने के इंतजार में क्यों रोक रखी थीं। ऐसा पाया गया कि बड़ी संख्या में पदोन्नति की ऐसी फाइलें भी चुनाव आयोग के पास पहुंचीं, जिनमें कर्मचारियों व अधिकारियों की पदोन्नति कई महीने पहले हो जानी चाहिए थी।
चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद प्रदेश सरकार की ओर से 70 से अधिक पदोन्नति व अन्य विचारणीय विषयों को लेकर फाइलें चुनाव आयोग को भेजी जा चुकी हैं। लेकिन चुनाव आयोग की तरफ से किसी एक भी मामले में स्वीकृति प्रदान नहीं की गई। सचिवालय से सेवानिवृत होने वाले कर्मचारियों के स्थान पर अधीक्षक, वरिष्ठ सहायक, स्टैनोग्राफर पदोन्नत होने थे, लेकिन पदोन्नति से जुड़े मामलों को लेकर स्वीकृति नहीं मिली है। इसी तरह से सरकारी विभागों में भी पदोन्नतियां नहीं हो पाई हैं। प्रदेश के अस्पतालों में स्नातकोतर चिकित्सकों को आवासीय चिकित्सा की औपचारिक स्वीकृति नहीं मिली है। परिणामस्वरूप चिकित्सक स्वीकृति प्राप्त करने के लिए सचिवालय और चुनाव आयोग के कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं।
एक याचिका पर न्यायालय ने आदेश में कहा था कि प्रदेश सरकार चुनाव की आड़ में सबकुछ कैसे रोक सकती है। सामान्य ताैर पर चलने वाली प्रशासनिक कार्यप्रणाली प्रभावित नहीं होनी चाहिए। पदोन्नतियां भी सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा हैं। ऐसे में सरकार को इस संबंध में कदम उठाते हुए पदोन्नति संबंधी प्रक्रिया बहाल करनी चाहिए।

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