अविश्वास प्रस्ताव पर सवालों का जवाब नहीं दे पाई सरकार : हुड्डा
चंडीगढ़, 22 फरवरी (ट्रिन्यू)
पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि अविश्वास प्रस्ताव पर विपक्ष के सवालों का जवाब देने की बजाय सरकार उनसे बचती नजर आई। ये बेहद शर्मनाक है कि मेनिफेस्टो के वादों, घोटालों, बेरोजगारी, अपराध, नशे, महंगाई व किसानों के मुद्दे पर बोलने की बजाय सरकार व्यक्तिगत टिप्पणियों पर उतर आई। इसलिए कांग्रेस ने सदन से वॉकआउट किया। हुड्डा ने कहा कि भाजपा-जजपा सरकार जनता का विश्वास पूरी तरह खो चुकी है। क्योंकि ये सरकार किसान को एमएसपी, युवा को रोजगार, बुजुर्गों को पेंशन, गरीबों को राशन, अजा-पिछड़ों को आरक्षण व नागरिकों को प्रोटेक्शन देने में पूरी तरह नाकाम साबित हुई है। पिछले साढ़े नौ साल में इस सरकार ने प्रदेश की ऐसी हालत बना दी है कि स्कूलों में टीचर, अस्पताल में डॉक्टर और सरकारी दफ्तरों में कर्मचारियों का भारी अभाव है। सरकार कोरोना काल में मरीजों को दवाई और ऑक्सीजन तक नहीं दे पाई।
उन्होंने कहा, जनता के साथ ऐसा विश्वासघात करने वाली और जनमत के साथ धोखा करने वाली सरकार को सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है। हुड्डा ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव के जरिए कांग्रेस का मकसद इस सरकार को आईना दिखाना था। लेकिन सरकार ने जानबूझकर विपक्ष को बोलने का पूरा मौका नहीं दिया और सिर्फ सत्तापक्ष को समय दिया गया। बावजूद इसके सरकार जनता के सवालों का जवाब देने में पूरी तरह नाकाम साबित हुई।
गठबंधन सरकार पर सवालों की बौछार करते हुए पूर्व सीएम ने कहा, एमएसपी की गारंटी, एमएसपी पर बोनस, किसानों की आय दोगुणी करने, 5100 रुपये बुढ़ापा पेंशन, कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना, पंजाब के समान वेतनमान एवं भत्ते, हर जिले में मेडिकल कॉलेज, कानून व्यवस्था, नौ हजार रुपये बेरोजगारी भत्ता, खाली पदों पर भर्ती तथा अतिथि अध्यापकों को नियमित करने के वादे पर सरकार ने क्या किया है। अपने चुनावी घोषणा-पत्र के वादों तक को गठबंधन सरकार ने पूरा नहीं किया। हुड्डा ने कहा कि सरकार के पास बताने के लिए एक भी उपलब्धि नहीं है और उसके पास नाकामियों की लंबी फेहरिस्त है। ये देश के इतिहास की इकलौती ऐसी सरकार है जिसमें बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक हर वर्ग को आंदोलन करने पड़े।
कांग्रेस कार्यकाल के संबंध में दी गलत जानकारी
हुड्डा ने कहा कि सरकार द्वारा विधानसभा में कांग्रेस कार्यकाल की भर्तियों के बारे में गलत जानकारी दी गई। ये सरकार खुद विधानसभा में बता चुकी है कि एचएसएससी और एचपीएससी के जरिए कांग्रेस सरकार के दौरान 90 हजार से ज्यादा भर्तियां की गईं थी। लेकिन सरकार जानबूझकर ये बात छिपा लेती है कि कांग्रेस सरकार के दौरान पुलिस विभाग अपनी अलग भर्तियां करता था। पुलिस विभाग में 2005 से 2014 के बीच करीब 25000 भर्तियां हुईं। इसी तरह अध्यापक भर्ती बोर्ड अलग भर्तियां करता था और एचएसएससी व एचपीएससी के जरिए अलग भर्तियां होती थीं। कांग्रेस ने अकेले शिक्षा विभाग में करीब 1 लाख नौकरियां दीं थी। तमाम विभागों की कुल भर्तियों की बात की जाए तो ये आंकड़ा लगभग 2 लाख का बनता है।