सरकार का लक्ष्य 2 साल में हर स्कूल में इंटरनेट
नयी दिल्ली, 24 अगस्त (एजेंसी)
देश में डिजिटल स्कूल की परिकल्पना को साकार कर, स्कूलों में उपस्थित होकर कक्षा लगाने से जोड़कर ‘मिश्रित शिक्षा’ को प्रोत्साहित की दिशा में सरकार ने कदम बढ़ाया है । राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन का एक वर्ष पूरा होने पर शिक्षा मंत्रालय के एक कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि कोविड-19 महामारी के बीच पिछले डेढ़ वर्ष में कैसे पढ़ाई हुई, इसका हम सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं, कक्षाएं बंद रहीं और डिजिटल माध्यम से शिक्षा दी गई । उन्होंने कहा,‘ डिजिटल शिक्षा, कक्षा में उपस्थित होकर पढ़ाई करने का विकल्प नहीं बन सकती है, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं कि हम उसे (डिजिटल शिक्षा) छोड़ दें।’
प्रधान ने कहा कि सरकार का लक्ष्य 2 साल में हर स्कूल में इंटरनेट पहुंचाना है और इस दिशा में सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से भी बात हुई है। जब स्कूलों में बिजली, पानी, इंटरनेट समेत तमाम सुविधाएं उपलब्ध होंगी तब डिजिटलीकरण बढ़ेगा और छात्रों को वैश्विक स्तर पर तैयार करने में मदद मिलेगी। इन सभी प्रयासों से स्कूलों में उपस्थित होकर पढ़ाई करने और डिजिटल माध्यम से शिक्षा को जोड़ते हुए ‘मिश्रित शिक्षा’ पर बल रहेगा।
मंत्री ने कहा कि आजादी के बाद किसी भी सरकार ने कोई नीति तैयार की हो, उसका उद्देश्य गलत नहीं, चुनौती इसके क्रियान्वयन को लेकर रहती है, कई चीजें कल्पना में ही रह जाती हैं। इस बात पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है।
वर्चुअल ओपन स्कूल की शुरुआत
प्रधान ने कहा कि स्कूली शिक्षा विभाग बच्चों की शिक्षा को सुगम बनाने के लिये डिजिटल या वर्चुअल स्कूल के रूप में नया मंच लाया है, जिससे प्रौद्योगिकी के उपयोग से सुदूर क्षेत्रों तक समावेशी शिक्षा देने में मदद मिलेगी। मंगलवार को नेशनल स्कूल आफ ओपन स्कूलिंग (एनओआईएस) के डिजिटल (वर्चुअल) स्कूल की शुरूआत करते हुए उन्होंने कहा कि जब बच्चे एटीएम से पैसे निकाल सकते हैं, मोबाइल से प्री-पेड बिल भर सकते हैं, डिजिटल भुगतान कर सकते हैं, तब वे वर्चुअल माध्यम से शिक्षा भी प्राप्त कर सकते हैं। बड़ी संख्या में ऐसे बच्चे हैं जो पारंपरिक तरीके से स्कूली शिक्षा नहीं ले पा रहे हैं। ‘स्कूली शिक्षा विभाग ऐसे ही बच्चों के लिये डिजिटल या वर्चुअल स्कूल के रूप में नया मंच लाया है।’ मंत्री ने कहा कि अब ओपन स्कूल से भी आनलाइन शिक्षा मिल सकेगी।