सरकार पास नीतीश पर फिर विश्वास
पटना, 12 फरवरी (एजेंसी)
बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राजग सरकार ने सोमवार को विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया। बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 129 वोट पड़े, जबकि ‘महागठबंधन’ के सदस्यों ने सदन से बहिष्कार किया।
मत विभाजन के समय आसन पर उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी थे। उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव को ध्वनि मत से पारित घोषित करना चाहा, लेकिन राजद के विरोध के बाद वे संख्या की गिनती करने पर सहमत हो गए। सदस्यों की गिनती का आदेश दिया। विश्वास मत के पक्ष में 129 वोट पड़े। इस दौरा राजद सहित महागठबंधन के सदस्य सदन से वॉकआउट कर गए।
विश्वास मत से पहले चर्चा में भाग लेते हुए मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने आरोप लगाया कि राजद राज्य में अपने शासनकाल में भ्रष्टाचार में लिप्त था और नयी राजग सरकार इस मामले में जांच कराएगी। कुमार ने दावा किया कि राजद के कार्यकाल में बिहार में अनेक सांप्रदायिक दंगे हुए। उन्होंने कहा, ‘कोई कानून व्यवस्था नहीं थी। राजद अपने शासनकाल में (2005 से पहले) भ्रष्टाचार में लिप्त था। मैं इसकी जांच कराऊंगा।’ राजद नेता तेजस्वी यादव ने विधानसभा में कहा कि वह नीतीश को हमेशा ‘पिता तुल्य’ मानते थे और उन्हें नहीं पता कि किस वजह से वह ‘महागठबंधन’ छोड़कर भाजपा नीत राजग में लौटने के लिए मजबूर हुए। विधानसभा में नीतीश के नेतृत्व वाली राजग सरकार द्वारा लाए गए विश्वास मत प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान तेजस्वी ने रिकॉर्ड नौवीं बार और 5 साल के कार्यकाल के भीतर तीसरी बार शपथ लेने को लेकर भी मुख्यमंत्री पर तंज कसा और कहा कि ऐसा उदाहरण पहले कभी नहीं देखा गया। पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैंने नीतीश कुमार को हमेशा ‘दशरथ’ की तरह माना।’
चौधरी को विधानसभा अध्यक्ष पद से हटाया
बिहार विधानसभा ने राजद नेता अवध बिहारी चौधरी को सदन के अध्यक्ष पद से हटाने का प्रस्ताव पारित कर दिया। इसके बाद सदन में विश्वास मत प्रस्ताव पेश किया गया। अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को 125 का समर्थन मिला, जबकि 112 सदस्यों ने इसके खिलाफ मतदान किया।