संपदा का सदुपयोग
06:38 AM Mar 22, 2024 IST
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एक बार एक महात्मा राजा के महल पहुंचे। तभी राजा ने महात्मा को हीरे-मोतियों से भरा अपना खजाना दिखाया। महात्मा ने पूछा, ‘राजन! इन पत्थरों से आपको कितनी आय होती है?’ राजा ने कहा, ‘आय नहीं होती, बल्कि इनकी सुरक्षा पर खर्च करना पड़ता है।’ फिर एक दिन महात्मा राजा को एक किसान की झोपड़ी में ले गया। वहां एक स्त्री चक्की से अनाज पीस रही थी। महात्मा ने उसकी ओर संकेत कर कहा, ‘पत्थर तो चक्की भी है और तुम्हारे हीरे-मोती भी। परंतु इसका उपयोग होता है और यह नित्य पूरे परिवार का पोषण करने योग्य धन भी दे देती है। तुम्हारे हीरे-मोती तो किसी उपयोग में भी नहीं आते हैं। उन्हें यदि दूसरे लोगों की मदद में खर्च करोगे तो सुरक्षा करने का खर्च तो बचा ही लोगे; बदले में लोगों की श्रद्धा और प्यार भी मिलेगा। ’
प्रस्तुति : मुकेश ऋषि
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