अधर्म के दमन के लिए होता है परमात्मा का अवतार : स्वामी महेशाश्रम
रादौर, 11 अप्रैल (निस)
श्री दण्डी स्वामी आश्रम नागेश्वर धाम पक्का घाट रादौर में श्री रामनवमी के उपलक्ष्य में चल रही नौ दिवसीय श्री राम कथा के तृतीय दिवस के कथा में श्री राम जन्म की कथा कहते हुए सनातन ज्ञान पीठाधीश्वर स्वामी महेशाश्रम महाराज ने कहा कि जब-जब पृथ्वी पर मनुष्य सनातन वैदिक मार्ग से भटक कर पाश्चात्य सभ्यताओं के मकड़जाल में उलझ कर अधर्मियों के बहकावे में आकर अधर्म मार्ग पर चलने लगते हैं।
इस अधर्म के दमन के लिए परमात्मा का अवतार होता है। स्वामी महेशाश्रम महाराज ने कहा कि देव ऋषि नारद जो नारायण के परम भक्त हैं। तपस्या के बल से कामदेव को जीतने के बाद इतने अभिमानी हो गए कि उन्होंने नारायण का भी अपमान किया, जिसके कारण नारद को बंदर के रूप में वर्णित होना पड़ा। संसार में मनुष्य को काम, क्रोध एवं अभियान से बचने का प्रयत्न करना चाहिए। महाराज मनु के जैसे विचार रखते हुए जो कुछ हमें प्राप्त है, वह सब परमात्मा की कृपा है।
इसे धर्म रूपी प्रवृत्ति से वर्ण कर सम्यक वर्ण व्यवस्था के अनुसार चौथेपन में गृहस्थबंधन को त्याग कर तपस्या में संलग्न होना चाहिए।
अगर हम सब ऐसा चाहते हैं कि परमात्मा हमारे घर में प्रकट हो तो हमें महाराज मनु के जैसे समभाव परमार्थी एवं तपस्वी का आचरण करने का प्रयत्न करना चाहिए। कथा में श्री राम जन्म उत्सव बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कथा में हजारों की संख्या में भक्तों ने पहुंचकर कथावाचक द्वारा गाए सुमधुर भजनों पर झूमते हुए श्री राम जन्म उत्सव का आनंद उठाया।