"Global PGI Alumni Summit 2024 दोस्ती, ज्ञान और विरासत का भव्य मिलन
विवेक शर्मा
चंडीगढ़, 25 अक्टूबर
"Global PGI Alumni Summit 2024 समय" के धागों में बंधी यादें और सपने जैसे फिर से जीवंत हो उठे, जब PGI के भार्गव ऑडिटोरियम में दुनियाभर के पूर्व छात्र और साथियों ने एक-दूसरे से गले मिलकर पुराने दिनों की खुशबू ताजा की। यह ऐतिहासिक समिट उन सबके लिए एक जश्न था, जो कभी PGIMER की गलियों में नए सपने संजोते थे। पीजीआईएमईआर के निदेशक प्रो. विवेक लाल ने गर्व और उत्साह के साथ समिट का शुभारंभ करते हुए कहा, "हमारा संस्थान इसके संस्थापकों के महान योगदान का प्रमाण है। उनके बिना आज यह संभव नहीं होता।"
दुनिया के कोने-कोने से आए 500 से अधिक पूर्व छात्रों के लिए समिट का यह अवसर दोस्ती, ज्ञान-विनिमय और चिकित्सा विज्ञान में पीजीआईएमईआर की विरासत को सम्मानित करने का एक अनमोल मौका था। समिट में संवाद, पुराने रिश्तों का पुनर्निर्माण, और पीजीआईएमईआर की उत्कृष्टता की कहानी साझा करने का अवसर मिला।
"आज पीजीआईएमईआर के भार्गव ऑडिटोरियम में ग्लोबल पीजीआई एलुमनाई समिट 2024 का शुभारंभ हुआ, जिसमें दुनियाभर के 500 से अधिक पूर्व छात्रों ने भाग लिया। यह आयोजन पीजीआई के गौरवशाली इतिहास, उसके संस्थापकों के योगदान और चिकित्सा क्षेत्र में उत्कृष्टता की विरासत को सम्मानित करने के लिए समर्पित था।
कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए पीजीआईएमईआर के निदेशक और समिट अध्यक्ष प्रो. विवेक लाल ने उपस्थित लोगों का हार्दिक स्वागत किया। प्रो. लाल ने अपने संबोधन में कहा, “हमारा संस्थान संस्थापकों के महान योगदान का प्रमाण है। उनकी दूरदर्शिता के बिना, आज हम यहां नहीं होते।” प्रो. लाल ने सभी से आग्रह किया कि वे इस प्रतिष्ठित संस्थान की उत्कृष्टता को और आगे बढ़ाएं। उन्होंने पीजीआई के प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा, “हमारे संस्थान ने केवल उत्कृष्ट चिकित्सकों को ही नहीं, बल्कि समाज के लिए भी कई योगदान दिए हैं।”
"पीजीआई का एलुमनाई नेटवर्क हमारी ताकत बनेगा" - प्रो. योगेश चावला
समिट के दौरान पीजीआई के पूर्व निदेशक और पीजीआई चंडीगढ़ एलुमनाई एसोसिएशन (PCAAS) के मुख्य सदस्य प्रो. योगेश चावला ने एलुमनाई एसोसिएशन की स्थापना पर प्रकाश डाला। प्रो. चावला ने कहा, “मैं गर्वित हूं कि हम एलुमनाई एसोसिएशन का पहला कदम उठा रहे हैं।” उन्होंने 2013 में सीएमसी वेल्लोर के दौरे से प्रेरणा ली और पीजीआई के एलुमनाई नेटवर्क को सशक्त बनाने पर जोर दिया। प्रो. चावला ने एलुमनाई से अनुरोध किया, “समय आ गया है कि हम एकजुट होकर संस्थान की उन्नति में सहयोग करें।”
"हर भारतीय जीवन महत्वपूर्ण है" - लेफ्टिनेंट जनरल दलजीत सिंह
पहले सत्र में, लेफ्टिनेंट जनरल दलजीत सिंह, AVSM, VSM, DGAFMS, ने "एएफएमएस, भारतीय राष्ट्र और हम" विषय पर अपनी बात रखी। अपने भावुक संबोधन में उन्होंने कहा, "हर भारतीय जीवन महत्वपूर्ण है।" AFMS के योगदान का उल्लेख करते हुए उन्होंने दर्शकों से दिवाली पर "एक दिया शहीदों के नाम" जलाने का आग्रह किया।
"विज्ञान और आध्यात्मिकता हमें बेहतर चिकित्सक बनाते हैं" - डॉ. एस. स्वामीनाथन
आईआईएससी के प्रोफेसर और मेयो क्लिनिक के सहायक संकाय डॉ. एस. स्वामीनाथन ने "विज्ञान और आध्यात्मिकता" के विषय पर चर्चा की। उन्होंने कहा, “जहां विज्ञान हमें निदान और उपचार के उपकरण प्रदान करता है, वहीं आध्यात्मिकता मरीजों के अनुभव को समझने का मूलभूत ढांचा देती है।”
"तनाव प्रबंधन के लिए संतुलित जीवन अपनाएं" - डॉ. विजय महाजन
टैगोर हॉस्पिटल एंड हार्ट सेंटर, जालंधर के मुख्य चिकित्सा निदेशक डॉ. विजय महाजन ने "अपना तनाव प्रबंधन कैसे करें" विषय पर चिकित्साकर्मियों के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए। उन्होंने चिकित्सकों को तनाव से दूर रहने के लिए आत्म-देखभाल, व्यायाम और शौक को प्राथमिकता देने की सलाह दी। डॉ. महाजन ने कहा, “लालच से बचें और नैतिकता का पालन करें।”
समापन और हाई-टी सत्र
समिट के समापन के दौरान हाई-टी सत्र का आयोजन किया गया, जहां पूर्व छात्रों ने अपने पुराने संबंधों को ताजा किया और नए सहयोगों पर चर्चा की। इस अवसर ने रिश्तों को मजबूत करने का एक सुनहरा मौका प्रदान किया।
विरासत का उत्सव: अगले दो दिनों का कार्यक्रम
ग्लोबल पीजीआई एलुमनाई समिट 27 अक्टूबर तक जारी रहेगा, जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम, विभागीय दौरों और गाला डिनर का आयोजन होगा। इस तीन-दिवसीय कार्यक्रम में शिक्षा, मनोरंजन और रिश्तों का सुंदर संगम देखने को मिलेगा, जो इसे एक अविस्मरणीय आयोजन बना देगा।