Global Alumni Meet 2024: पंजाब यूनिवर्सिटी के एलुमनी मीट में उपराष्ट्रपति का बड़ा संदेश, कहा - 'विकसित भारत सपना नहीं बल्कि लक्ष्य है...'
जोगिंद्र सिंह/ट्रिन्यू,, चंडीगढ़, 21 दिसंबर
Global Alumni Meet 2024: विकसित भारत केवल एक सपना नहीं, बल्कि यह देश का लक्ष्य है। आज भारत में वैश्विक नेता बनने की अपार संभावनाएं हैं। जब दुनिया की अर्थव्यवस्थाएं गिरावट का सामना कर रही हैं, तब भारत की अर्थव्यवस्था तेज़ी से बढ़ रही है और वह दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। अगले दो वर्षों में जापान और जर्मनी को पीछे छोड़कर भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। 1990 में स्विट्जरलैंड के पास सोना गिरवी रखने वाले देश के पास आज 700 गुना अधिक रिजर्व फंड है। यह बात उपराष्ट्रपति और पंजाब विश्वविद्यालय के चांसलर जगदीप सिंह धनखड़ ने शुक्रवार को पंजाब विश्वविद्यालय में आयोजित 5वीं ग्लोबल एलूमनी मीट के उद्घाटन भाषण में कही।
उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि इसलिए संभव हो सकी है क्योंकि भारत में प्रतिभाशाली लोग और गुदड़ी के लाल मौजूद हैं। इसमें शिक्षण संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका है। यहां की रिसर्च और नवाचारों से देश की प्रगति हो रही है। आईआईटी, आईआईएम और इसरो जैसे संस्थान भारत को विकास के पथ पर आगे ले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे निजी विश्वविद्यालयों के समर्थक हैं, लेकिन भारत को अधिक सार्वजनिक विश्वविद्यालयों की आवश्यकता है।
चांसलर धनखड़ ने देश के हर नागरिक से अपील की कि वे चाहे न्यायपालिका, कार्यपालिका या विधायिका में हों, गरिमापूर्ण और समर्पण भाव से काम करें। उन्होंने समारोह में आए पूर्व छात्रों से अपने अल्मा मेटर से जुड़ने और किसी भी प्रकार से सहयोग करने की अपील की। उन्होंने कहा कि पूर्व छात्र अपने अनुभव और पेशेवर कौशल के माध्यम से नए छात्रों को लाभान्वित कर सकते हैं। कोई अपने पाठ्यक्रम, रिसर्च या आर्थिक सहायता के माध्यम से योगदान दे सकता है।
धनखड़ ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां के पूर्व छात्रों ने 53 बिलियन डॉलर का फंड जुटाया है, जो 120 देशों की कुल जीडीपी के बराबर है। उन्होंने पूर्व छात्रों से पंजाब विश्वविद्यालय के विकास और पोषण के लिए अपने संसाधनों का उपयोग करने और युवाओं को उद्यमिता के लिए प्रेरित करने का आग्रह किया।
इससे पहले गुजरात के राज्यपाल और पंजाब विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र आचार्य देवव्रत ने अपने प्रेरक संबोधन से कार्यक्रम की शुरुआत की। उन्होंने पूर्व छात्रों को उनके क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए बधाई दी और कहा कि उनकी उपलब्धियां वर्तमान छात्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय की अकादमिक उत्कृष्टता और वैश्विक नेतृत्व को तैयार करने की परंपरा की प्रशंसा की।
पूर्व छात्रों ने साझा किए अनुभव और यादें
कार्यक्रम में पूर्व राज्यपाल डॉ. के.के. पॉल, वरिष्ठ पत्रकार और द प्रिंट के संस्थापक शेखर गुप्ता, और एनडीआरएफ के महानिदेशक अतुल करवाल जैसे प्रतिष्ठित पूर्व छात्रों ने अपने अनुभव साझा किए। डॉ. के.के. पॉल ने विश्वविद्यालय में बिताए अपने दिनों की यादें ताज़ा कीं और बताया कि उनके पिता, जो पीयू में फैकल्टी सदस्य थे, ने घर में बौद्धिक माहौल बनाया। उन्होंने 1964 में रसायन विज्ञान ऑनर्स स्कूल के छात्र के रूप में पीयू में प्रवेश की कहानी साझा की और खेलों में अपनी सक्रिय भागीदारी के बारे में बताया।
शेखर गुप्ता ने पत्रकारिता में अपने शुरुआती दिनों की बातें साझा कीं और बताया कि पीयू में उन्हें विज्ञान और अनुसंधान की गहराई को समझने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि उनका अल्मा मेटर उनके जीवन में एक प्रेरणादायक भूमिका निभाता है।
आईपीएस अधिकारी और एनडीआरएफ के महानिदेशक अतुल करवाल ने भी अपने छात्र जीवन की कहानियां साझा कीं। उन्होंने हास्यपूर्ण ढंग से कक्षाओं में बंक मारने और परीक्षाओं से बचने के बावजूद एमबीए में टॉप करने के किस्से सुनाए। उन्होंने 1983-85 के दौरान पीयू से एमबीए किया और 1988 में आईपीएस अधिकारी बने। उन्होंने तुर्की में भूकंप के दौरान भारत की मानवीय सहायता के प्रयासों का उल्लेख किया।
गोल्डन और सिल्वर बैच का सम्मान
कार्यक्रम में 1974 के गोल्डन बैच और 1999 के सिल्वर बैच के छात्रों को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया। डीन यूनिवर्सिटी इंस्ट्रक्शन डॉ. रूमिना सेठी, रजिस्ट्रार वाईपी सर्मा, और डीन एलूमनी लतिका शर्मा ने सम्मान पत्र प्रदान किए।
दोपहर को पूर्व छात्रों ने अपने पुराने विभागों और छात्रावासों का दौरा किया। उन्होंने प्रदर्शनी में विश्वविद्यालय के नवीनतम नवाचारों और उपलब्धियों को देखा। शाम को आयोजित संगीत कार्यक्रम और रात्रिभोज ने सभी को मनोरंजन और नेटवर्किंग का अवसर दिया।
छात्रों को हिरासत में लिया
चांसलर के कार्यक्रम के दौरान प्रदर्शन की आशंका के मद्देनजर, पुलिस ने सुबह 9 छात्रों को हिरासत में लिया। हालांकि दोपहर बाद उन्हें रिहा कर दिया गया। बावजूद इसके, कुछ छात्रों ने लाइब्रेरी के पास सांकेतिक पुतला जलाने का प्रयास किया। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित कर लिया।