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‘गीता महोत्सव धार्मिक मूल्यों से आत्मसात होने का अवसर’

10:11 AM Nov 30, 2024 IST
‘गीता महोत्सव धार्मिक मूल्यों से आत्मसात होने का अवसर’
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कुरुक्षेत्र, 29 नवंबर (हप्र)
गीता स्थली कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर देश की खूबसूरती के दर्शन सहजता से किए जा सकते हैं। इस धरा को और खूबसूरत बनाने के लिए केन्द्र और प्रदेश सरकार लगातार बड़ी योजनाओं को अमलीजामा पहनाने का काम कर रही है। इतना ही नहीं सरकार ने वर्ष 2016 से छोटे से गीता जयंती समारोह को अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का बड़ा स्वरूप बनाने का काम किया है। इस महोत्सव से जहां देश के नागरिकों को धार्मिक मूल्यों से आत्मसात होने का अवसर मिल रहा है, वहीं आर्थिक रूप से लोग मजबूत हो रहे हैं। ये विचार भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने शुक्रवार को देर सायं मीडिया सेंटर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने प्रदेशवासियों को गीता महोत्सव की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भाजपा की सरकार बनते ही कुरुक्षेत्र में होने वाले गीता जयंती के स्वरूप को वर्ष 2016 से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने का काम किया। इसके साथ ही कुरुक्षेत्र के विकास में भी चार चांद लगाने का काम किया। इस पावन धरा ज्योतिसर पर विश्व स्तरीय संग्रहालय बनाने के लिए 206 करोड़ से ज्यादा का बजट उपलब्ध करवाने का काम किया। सरकार के इन प्रयासों से कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर लगातार श्रद्धालुओं की संख्या में ईजाफा हो रहा है और अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में हर वर्ष लाखों की संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं।

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गीता महाआरती कार्यक्रम का किया शुभारम्भ

भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने शुक्रवार को देर सायं ब्रह्मसरोवर पुरुषोतमपुरा बाग में महोत्सव की दूसरे दिन की गीता महाआरती कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। उन्होंने कहा कि ब्रह्मसरोवर का कुरुक्षेत्र के इतिहास में एक धार्मिक और आध्यात्मिक जुड़ाव है। विभिन्न अवसरों पर इस तीर्थ के सरोवर में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है और पुण्य की प्राप्ति होती है। इसलिए इस पवित्र सरोवर की महाआरती करके मन को एक सुखद अनुभूति का अहसास होता है।

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