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घग्गर अभी भी खतरे के निशान से ऊपर

08:08 AM Jul 20, 2023 IST
कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुडियां बुधवार को घनौर के बाढ़ प्रभावित इलाके का निरीक्षण करते हुए। -राजेश सच्चर

संगरूर, 19 जुलाई (निस)
मूनक और खनौरी इलाके में घग्गर नदी खतरे के निशान से ऊपर है, हालांकि नदी के तटबंधों में आई दरारों की मरम्मत का काम भी जोर-शोर से चल रहा है। उपायुक्त जतिंदर जोरवाल के निर्देशन में सभी राहतकर्मी घग्गर के पानी के तेज बहाव के बावजूद राहत कार्य में कोई रुकावट नहीं आने दे रहे हैं और कमियों को पाटने के योजनाबद्ध प्रयास जारी हैं। उपायुक्त जतिंदर जोरवाल ने बताया कि जिला प्रशासन हर तरह से तैयार है और घग्गर के पानी से प्रभावित लोगों को राहत सामग्री उपलब्ध कराने के साथ-साथ घग्गर में आई दरारों को भरने का काम जारी है। उन्होंने कहा कि चूंकि खनौरी से मकोरार साहिब तक 13 दरारें और मकोरार साहिब से करैल तक घग्गर में 43 दरारें हैं, इसलिए हमारी टीमें इन दरारों को भरने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं। उपायुक्त ने कहा कि घग्गर अभी भी खतरे के निशान से 749.6 फीट ऊपर बह रही है और पानी की मात्रा अधिक होने के कारण राहत कार्य में थोड़ा समय लग रहा है, लेकिन हमें पूरी उम्मीद है कि ये बांध जल्द ही पूरे हो जायेंगे। उपायुक्त ने कहा कि चंदू के पास पानी का स्तर लगभग 3 फीट तक कम हो गया है और बनारसी और बोपुर में ड्रेनेज विभाग की देखरेख में अब रिंग बांध का निर्माण किया जा रहा है ताकि तेजी से बहने वाला पानी आसपास के गांवों में प्रवेश न कर सके।

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पंजाब सरकार किसानों के साथ खड़ी है : खुडियां
संगरूर (निस) : राज्य सरकार बाढ़ प्रभावित लोगों के साथ मजबूती से खड़ी है और किसानों को जलमग्न खेतों में धान की फसल दोबारा लगाने में मदद करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। यह बात पंजाब के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री गुरमीत सिंह खुडियां ने कृषि विज्ञान केंद्र खीरी के अपने दौरे के दौरान कही। उन्होंने किसानों को आश्वासन दिया कि बाढ़ के कारण नष्ट हुई फसल दोबारा लगाने में किसानों की सहायता की जायेगी। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि सभी मंत्री, विधायक, प्रशासनिक अधिकारी, नेता और कर्मचारी बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए दिन-रात जमीन पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग और पंजाब कृषि विश्वविद्यालय धान की फसल की नर्सरी लगाने से लेकर मुफ्त बीज वितरित करने तक किसानों की सहायता करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पीआर 126 और बासमती 1509 कम समय लेने वाली किस्में हैं और विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों के अनुसार इन किस्मों की बुआई 15 अगस्त तक की जा सकती है।

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घग्गरनिशान