जेनिसिस के बच्चों ने रचा इतिहास, सफलता का प्रतिशत 50 के पार
करनाल,13 फरवरी (हप्र)
देश के इंजीनिरिंग कॉलेजों में एडमिशन के लिए अखिल भारतीय स्तर पर आयोजित प्रवेश परीक्षा जेईई मेंस का परिणाम घोषित होने के साथ ही करनाल में खुशी की लहर दौड़ गई। करनाल ही नहीं देश और प्रदेश में प्रतिष्ठित और भरोसेमंद कोचिंग शिक्षण संस्थान जेनिसिस क्लासिस के 200 से अधिक बच्चों ने जेईई-मेंस क्वालिफाई किया। वहीं 22 बच्चों ने 99 परसेंटाइल से अधिक तथा, 50 विद्यार्थयों ने 98 परसेंटाइल से अधिक अंक प्राप्त किए।
जेनिसिस के अमित सिंह ने 100 परसेंटाइल मैथ्स में, टोटल 99.9 परसेंटाइल अंक प्राप्त कर करनाल का नाम रोशन किया।
वहीं 98 से अधिक अंक पाने वालों की संख्या भी काफी अधिक रही। इस खुशी को सेक्टर -6 मार्किट में जेनिसिस परिसर में नाच-गाकर मनाया गया। जेनिसिस क्लासिस के डायरेक्टर जितेंद्र सिंह अहलावत तथा नवनीत कल्हण ने इस खुशी को विद्यार्थियों की मेहनत और जेनिसिस स्टॉफ की लगन और सतत मार्गदर्शन को समर्पित किया। अभिभावकों ने कहा कि जेनिसिस का जवाब नहीं। वहीं, बच्चों ने कहा कि इस सफलता के असली हकदार जेनिसिस क्लासिस के टीचर्स और स्टॉफ हैं।
पिछले 15 साल पहले जेनिसिस ही नहीं करनाल और हरियाणा में गिनती के बच्चे मेडिकल कॉलेज और इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश ले पाते थे। 15 साल पहले जो सपना जेनिसिस क्लासिस के संस्थापक जितेंद्र अहलावत और नवनीत कल्हण ने करनाल ही नहीं उत्तर भारत के लोगों को दिखाया था।
आज जेनिसिस क्लासिस के बच्चों को एम्स, मेडिकल कॉलेज, आईआईटी, प्रतिष्ठित और सरकारी इंजीनियरिंग कालेजों में प्रवेश का प्रतिशत 70 प्रतिशत से अधिक पहुंच गया, जो देश ही नहीं उत्तर भारत में एक रिकॉर्ड है।
14 साल पहले शुरू किया सफर
जेनिसिस क्लासिस के संस्थापक जितेंद्र अहलावत तथा नवनीत कल्हण ने बताया कि उन्होंने बच्चों को लेकर 14 साल पहले सफर शुरू किया था, जो बच्चों की मेहनत, शिक्षकों का मार्गदर्शन और करनाल ही नहीं उत्तर भारत के लोगों का भरोसे का कारण बना। एक सफल और क्वालिटी वाइज विद्यार्थियों का कारवां। जेनिसिस क्लासिस के बच्चे आज दुनिया में देश ही नहीं विदेश में भी कार्यरत हैं। यहां के बच्चे मल्टीनेशनल कम्पनियों में करोड़ों का पैकेज ले रहे हैं।