प्रेम और शांति का प्रतीक है गीता जयंती महोत्सव : ज्ञानानंद महाराज
भिवानी, 10 नवंबर (हप्र)
दिसंबर माह में होने वाले दिव्य एवं भव्य गीता जयंती महोत्सव को लेकर युवा जागृति एवं जनकल्याण मिशन ट्रस्ट की ओर से स्थानीय हनुमान ढ़ाणी स्थित हनुमान जोहड़ी मंदिर में 51 दिवसीय गीता जयंती महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।
गीता जयंती महोत्सव को सफल बनाने के लिए हनुमान जोहड़ी मंदिर के महंत बालयोगी चरणदास महाराज की ओर से गीता के संदेश को घर-घर पहुंचाने के लिए तैयारियां की जा रही हैं तथा विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से नागरिकों को गीता के महत्व से परिचित कराया जा रहा है।
प्रत्येक नागरिक से यह भी आह्वान किया जा रहा है कि वे कुरुक्षेत्र में होने वाले राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव में शामिल हों। इसी कड़ी में रविवार को हनुमान जोहड़ी मंदिर के महंत बालयोगी चरणदास महाराज गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज एवं जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी मंत्री रणबीर गंगवा से मिले तथा गीता जयंती महोत्सव को लेकर चर्चा की।
गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज एवं कैबिनेट मंत्री से मिलने के बाद भिवानी पहुंचने पर चरणदास महाराज ने कहा कि गीता जयंती का महत्व समझने और इसके उद्देश्यों पर चर्चा करने का उद्देश्य यह है कि हम श्रीमद्भगवद्गीता के उपदेशों, शिक्षाओं और जीवन के प्रति इसके दृष्टिकोण को समझ सकें और अपनाने का प्रयास कर सकें।
गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि गीता जयंती के माध्यम से व्यक्ति के जीवन में संतुलन, उद्देश्य और जीवन दर्शन को गहरा करने का प्रयास किया जाता है, जिससे कि हर व्यक्ति अपने जीवन में एक सकारात्मक बदलाव ला सके। गीता जयंती हमें यह संदेश देती है कि संपूर्ण विश्व एक परिवार है। यह समर्पण, प्रेम, भाईचारे और शांति का प्रतीक है।