Geeta jayanti mahotsav भारतीय दर्शन की जीवन पद्धति है गीता : मनोहर लाल
कुरुक्षेत्र, 11 दिसंबर (हप्र)
बिजली, आवास और शहरी मामले केबिनेट मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि गीता में कहा गया है कि कर्म करो, लेकिन इसमें लिप्त नहीं होना चाहिए। गीता भारतीय दर्शन की जीवन पद्वति है। भगवान कृष्ण का जीवन चिंतन है। गीता में जीवन की हर समस्या का समाधान है। गीता हमें मृत्यु के भय से मुक्ति दिलाती है। गीता भारतीय परपंराओं का अद्भुत ग्रंथ है। पवित्र ग्रंथ गीता किसी एक धर्म की नहीं, बल्कि समस्त मानव जाति को जीने की कला सिखाती है।
वे बुधवार को गीता ज्ञान संस्थानम में जीओ गीता म्यूजियम का अवलोकन करने के उपरांत बातचीत कर रहे थे। कैबिनेट मंत्री ने कृष्ण कृपा अमृत कुंड का अवलोकन भी किया और कृपा बिहारी मंदिर में पूजा-अर्चना करने के उपरांत स्वामी ज्ञानानंद का आशीर्वाद लिया।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि इस ग्रंथ को घर-घर में पढ़ा जाना चाहिए। पवित्र ग्रंथ पूरी दुनिया को अध्यात्म और दार्शनिक तरीके से देखना-समझना सिखाता है। हम अपने जीवन और उसके उदेश्यों को लेकर कई तरह के प्रश्नों से जूझते रहते हैं, लेकिन यह पवित्र ग्रंथ हमें हर प्रश्न का जवाब देता है। यह ज्ञान हर मनुष्य के लिए जरुरी है। पवित्र ग्रंथ गीता में कहा गया है कि चिंता चिता समान है। इस ग्रंथ में कहे गए एक-एक श्लोक में मानवता के लिए कुछ न कुछ है। इस मौके पर पूर्व मंत्री कंवरपाल, 48 कोस तीर्थ निगरानी कमेटी के चेयरमैन मदन मोहन छाबड़ा, संस्थानम के प्रधान मंगत राम जिन्दल, विजय नरूला, डा. ऋषिपाल मथाना, अशोक रोशा, रामपाल शर्मा, संस्थानम के मीडिया प्रभारी रामपाल शर्मा सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।