गीता कथा ही नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला : जगबीर सिंह
हिसार, 9 दिसंबर (हप्र)
चौ. चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय में पंचनद शोध संस्थान अध्ययन केंद्र हिसार द्वारा एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी गीता के तथ्यों पर आधारित महाभारत कथा विषय पर आयोजित की गई। इसमें राज्य सूचना आयोग हरियाणा के सूचना आयुक्त प्रो. जगबीर सिंह प्रस्तोता के तौर पर उपस्थित हुए, जबकि सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ. बीना यादव ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
राज्य सूचना आयुक्त एवं पंचनद शोध संस्थान अध्ययन केंद्र हिसार के अध्यक्ष प्रो. जगबीर सिंह ने 18 दिन चले महाभारत के युद्ध व उनके पात्रों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भगवत गीता हमें पवित्रता, शक्ति, अनुशासन, ईमानदारी, दयालुता और निष्ठा के साथ जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित करती है। गीता सभी धर्मों का सार है। गीता समस्याओं का समाधान भी है। गीता एक कथा ही नहीं बल्कि जीवन जीने की कला है।
उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत गीता चारों वेदों का संक्षिप्त रूप है। गीता एक संवाद है, जो महाभारत युद्ध के दौरान श्रीकृष्ण और अर्जुन के बीच हुआ था। गीता में 700 श्लोक और 18 अध्याय हैं। गीता भारतीय संस्कृति की आधारशिला है। हिंदू शास्त्रों में गीता का सर्वप्रथम स्थान है। विशिष्ठ अतिथि कुलसचिव डॉ. पवन कुमार ने बताया कि श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया और उन्हें न्याय और अन्याय में से सही का चयन करने की दिशा दिखाई। डॉ. बीना यादव ने सभी का स्वागत करते हुए गीता व महाविद्यालय की गतिविधियों बारे विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम में पंचनद शोध संस्थान अध्ययन केन्द्र हिसार के संरक्षक ज्ञानचंद बंसल, उपाध्यक्ष प्रो. नीरज कुमार, सचिव मोहित कुमार, छात्र कल्याण निदेशक डॉ. मदन खीचड़, मीडिया सलाहकार डॉ. संदीप आर्य उपस्थित रहे।