‘आयुर्वेदिक दवाओं से गैंगरीन का इलाज संभव’
बहादुरगढ़, 9 फरवरी (निस)
मधुमेह पीड़ित मरीज की चोट ठीक नहीं होने पर वह अक्सर सड़ने लगती है और इसके चलते मरीज गैंगरीन का शिकार हो जाते हैं। गैंगरीन की चपेट में आने से रोगी के अंगों तक को काटना पड़ता है। मगर अब यह लाइलाज नहीं है। यह बात गैंगरीन का आयुर्वेद से उपचार कर रहे डॉ. गौरव अग्रवाल ने कही। शुक्रवार को डॉ. गौरव के पास रोहतक और दिल्ली से पहुंचे मरीजों ने बताया कि शुगर अत्यधिक होने के कारण वे गैंगरीन की चपेट में आ गए और उनका पांव का पंजा सड़-गल गया और घाव पांव के ऊपरी हिस्से की तरफ बढ़ने लगा था। घाव के कारण वे चलने फिरने में भी असमर्थ हो गए। घाव ऊपरी हिस्से में बढ़ना शुरू होने पर डॉक्टरों ने उनके पांव काटने की बात तक कही। किसी जानकार के बताने पर वे डॉ गौरव के पास गैंगरीन का इलाज कराने पहुंचे। डॉ. गौरव ने आयुर्वेदिक दवाइयों से उनका इलाज शुरू किया और आज उनके पांव का घाव लगभग पूरी तरह से भर चुका है।