विद्युत मित्रा कार्ड, इलेक्ट्रिक स्कूटी के नाम पर 7 करोड़ की ठगी
सोनीपत, 31 जनवरी (हप्र)
विद्युत मित्रा कार्ड व इलेक्ट्रिक स्कूटी देने के नाम पर 1935 लोगों से 7 करोड़ की ठगी का मामला सामने आया है। पीड़ित को सोनीपत की डीलरशिप देने के नाम पर ठगी की गई। पीड़ित को जब ठगी का पता लगा तो पुलिस उपायुक्त को शिकायत दी गई। उनके निर्देश पर सोनीपत की बहालगढ़ थाना पुलिस ने 10 आरोपियों पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस टीम मामले में जांच कर रही है।
पुलिस को दी शिकायत में पानीपत के विकास नगर निवासी बिजेंद्र सिंह ने बताया कि नवंबर, 2022 में उनकी मुलाकात बिजेंद्र कुमार के साथ हुई थी। उसने खुद को हिंदुस्तान एनर्जी सेवर्स प्राइवेट लिमिटेड का पूरे हरियाणा का डीलर बताया था। उसने बताया था कि उनकी कंपनी का कार्यालय गुरुग्राम में सोहना रोड पर सेक्टर-49 में है। उसके साथ पानीपत का आशु उर्फ आशीष जैन भी था। वे उन्हें गुरुग्राम में अपने कार्यलय में ले गए थे। उन्होंने बताया था कि वह इलेक्ट्रिक स्कूटी व विद्युत मित्रा कार्ड का बिजनेस करते हैं। विद्युत मित्रा कार्ड प्रयोग करने से 15 से 30 फीसदी तक बिजली खपत कम होती है। साथ में 10 वर्ष तक 500 रुपये प्रति माह सब्सिडी मिलती है। एक विद्युत मित्रा कार्ड 4 किलोवाट तक काम करता है। कार्ड की कीमत 7500 रुपये है।
उसे इन लोगों ने सोनीपत जिले का डीलर बनाने का झांसा दिया। बिजेंद्र सिंह ने बताया कि दोनों ने गुरुग्राम ले जाने के बाद उनकी मुलाकात कंपनी का डायरेक्टर बताकर राहुल उर्फ राहुल तिकनायक, अकाउंट हेड राजेंद्र कुमार बंसल, ऑपरेशनल हेड समीर लांबा व आदित्य, मार्केट हेड सुमित पांडेय, सेल्समैन कशिश, युवराज, अनिल, प्रियंका व सीओ सुमित कपूर से करवाई। बिजेंद्र सिंह ने बताया कि उन सभी ने उसे सोनीपत का डीलर बनाने की बात कही। इसके लिए 4 लाख एक हजार रुपये हिंदुस्तान एनर्जी सेवर्स प्राइवेट लिमिटेड के खाते में जमा कराये। उसके 3-4 महीने बाद ओजोन मित्रा इलेक्ट्रिक स्कूटी की डीलरशिप के लिए 4 लाख एक हजार रुपये और कंपनी में जमा कराये। उन्हें बताया गया कि उनकी स्कूटी की कीमत 2 लाख एक हजार रुपये है। वह इसकी बुकिंग कराने पर पांच साल तक प्रत्येक महीने कई हजार रुपये सब्सिडी देंगे। इसके लिए उनके साथ फर्जी एग्रीमेंट कर फर्जी चेक दिया गया।
बिजेंद्र सिंह ने बताया कि उन्होंने कंपनी के नाम से सोनीपत के बहालगढ़ में कार्यालय खोल लिया। वह करीब 1600 लोगों को विद्युत मित्रा कार्ड और 335 लोगों को स्कूटी देने के नाम पर रुपये ले चुका है। सारी राशि को उन्होंने आरोपियों के अलग-अलग बैंक खातों में डाल दिया। उसने अब तक 7 करोड़ रुपये जमा करा दिये। उसके बाद कंपनी वाले रुपये लेकर भाग गये।