वर्क परमिट और स्टडी वीजा के नाम पर फर्जीवाड़ा होगा बंद
दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 2 जनवरी
पंजाब के बाद अब हरियाणा में भी कबूतरबाजी के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। वीजा, वर्क परमिट और स्टडी वीजा के नाम पर लोगों खासकर युवाओं से की जाने वाली ठगी पर नकेल कसने के लिए राज्य सरकार सख्त कानून बनाएगी। हरियाणा रजिस्ट्रेशन एंड रेगुलेशन ट्रेवल एजेंट एक्ट-2023 का ड्राफ्ट सरकार ने तैयार कर लिया है। गृह विभाग की ओर से बनाए गए इस ड्राफ्ट बिल पर बुधवार को सीएम मनोहर लाल की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट मीटिंग में मंथन होगा।
मंत्रिमंडल की बैठक में गृह मंत्री अनिल विज की ओर से बिल का ड्राफ्ट रखा जाएगा ताकि सभी मंत्रियों की इस पर राय ली जा सके। फरवरी-मार्च में प्रस्तावित हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सरकार इस बिल को पेश करने की तैयारी में है। यही कारण है कि कैबिनेट में बिल प्रारूप ही रखा जा रहा है। कैबिनेट की मीटिंग के बाद बजट सत्र में इसे पेश करने में किसी तरह की परेशानी नहीं आएगी। हालिया शीतकालीन सत्र में किन्हीं कारणों से यह विधेयक पेश नहीं हो सका था।
हरियाणा में बड़ी संख्या में युवाओं को स्टडी वीजा, सामान्य वीजा के अलावा वर्क परमिट के आधार पर विदेश भेजने के लिए ट्रेवल एजेंट काम कर रहे हैं। इनमें से किसी का भी रजिस्ट्रेशन नहीं है। विदेश में विभिन्न कॉलेजों एवं यूनिवर्सिटी में एडमिशन के नाम पर स्टडी वीजा मुहैया करवाया जाता है। युवा जब इसके बेस पर वहां पहुंचते हैं तो उन्हें पता लगता है कि उनके साथ फर्जीवाड़ा हुआ है। स्टडी वीजा के लिए लेटर देने वाले यूनिवर्सिटी व कॉलेज के अधिकारी भी फर्जी होते हैं।
कबूतरबाजी के मामले में हाल ही में फिल्म अभिनेता शाहरूख खान की ‘डंकी’ फिल्म भी इन दिनों चर्चा में है। पंजाब के बाद अब हरियाणा के युवा भी विभिन्न देशों में डंकी एंट्री कर रहे हैं। डंकी एंट्री में जान का खतरा भी बना रहता है। कबूतरबाजी का शिकार हुए हजारों युवाओं द्वारा हरियाणा पुलिस में धोखाधड़ी के केस भी दर्ज करवाए हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने सख्त कानून बनाने का निर्णय लिया है।
विधेयक के प्रारुप के तहत सभी ट्रेवल एजेंट को सरकार के पास रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। इसमें यह भी स्पष्ट किया है कि कबूतरबाजी के मामलों का सरकार मानव तस्करी मानेगी। इसके तहत दोषी पाए जाने पर ट्रेवल एजेंट को कम से कम 3 और अधिकतम 10 साल तक की सजा हो सकेगी। इतना ही नहीं, दो लाख रुपये से पांच लाख रुपये तक जुर्माने का भी विधेयक में प्रावधान किया है।
प्रदेश में कबूतरबाजी के 1500 केस
हरियाणा में दोनों एसआईटी द्वारा कबूतरबाजी के अभी तक 1500 के करीब केस दर्ज किए जा चुके हैं। भारती अरोड़ा की अगुवाई वाली एसआईटी ने 2 जून, 2020 से 30 नंबवर, 2021 तक कुल 486 अभियोग दर्ज हुए और 593 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया था। इस एसआईटी ने 1 करोड़ 81 लाख 57 हजार 800 रुपये की रिकवरी भी की थी। वहीं सिबास कविराज की अध्यक्षता वाली एसआईटी अभी तक 1008 केस दर्ज कर चुकी है। इसके तहत 662 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस एसआईटी ने 2 करोड़ 94 लाख 38 हजार 300 रुपये की रिकवरी भी की है। इस तरह दोनों एसआईटी अभी तक 4 करोड़ 75 लाख 96 हजार रुपये से अधिक की रिकवरी कर चुकी हैं।