Fraud in Jobs प्राथमिक ऋण समितियों में भारी फर्जीवाड़ा, स्वीकृति के बिना रखे 715 कर्मचारी, 75-90 हजार मासिक वेतन उठा रहे
दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 10 दिसंबर
Fraud in Jobs प्रदेश की प्राथमिक कृषि ऋण समितियां (पैक्स) में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। इन पैक्स के सैकड़ों कर्मचारी बिना किसी स्वीकृत पद के मनमाने तरीके से वेतन हासिल कर रहे हैं। पैक्स समितियां स्वायत्त संस्थाओं (अटोनोमस बाडी) के रूप में काम करती हैं, जिनका संचालन सहायक रजिस्ट्रार के पास होता है। सहायक रजिस्ट्रार कार्यालय के अधिकारियों और पैक्स के संचालकों की मिलीभगत से हर जिले में सैकड़ों ऐसे कर्मचारी रखे गए हैं, जिनकी जरूरत नहीं थी। इसके अलावा, इन कर्मचारियों को मनमर्जी का वेतन दिया जा रहा है, जो 75 हजार से 90 हजार रुपये मासिक तक है।
यह स्थिति तब है, जब 19 जिलों में पैक्स समितियां भारी घाटे में चल रही हैं और उनका ऋण वसूली प्रतिशत केवल 45 से 52 प्रतिशत है। हरियाणा के सहकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अंकुर गुप्ता के संज्ञान में मामला आने के बाद उन्होंने सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार और सहकारी बैंक के प्रबंध निदेशक को पत्र लिखे, जिसमें राज्य की सभी सहकारी समितियों में कर्मचारियों द्वारा प्राप्त तनख्वाह का विवरण मांगा गया है।
Fraud in Jobs कई जिलों के कर्मचारियों को मिल रहा ज्यादा वेतन
प्रारंभिक जांच में पता चला कि इन प्राथमिक ऋण समितियों (पैक्स) में 715 कर्मचारी बिना स्वीकृत पद के काम कर रहे हैं और उनकी इन समितियों में कोई आवश्यकता नहीं थी। ये कर्मचारी अपने राजनीतिक रिश्तों और सहायक रजिस्ट्रारों की मिलीभगत से अवैध रूप से वेतन प्राप्त कर रहे हैं। प्रदेश के सहकारिता मंत्री डा. अरविंद शर्मा और हरियाणा स्टेट को-ऑपरेटिव अपैक्स बैंक (हरको) के चेयरमैन हुकम सिंह भाटी के पास जो रिपोर्ट पहुंची है, उसके मुताबिक अम्बाला, कुरुक्षेत्र, करनाल और कैथल जिलों की पैक्स समितियों में कर्मचारियों द्वारा सबसे अधिक वेतन प्राप्त किया जा रहा है, जबकि वे इसके पात्र भी नहीं हैं। हरको बैंक के एमडी प्रफुल्ल रंजन की सख्ती के बाद करनाल जिले की 98 पैक्स के 235 कर्मचारी हड़ताल पर चले गए थे। दस दिन की हड़ताल के बाद हरको के चेयरमैन हुकम सिंह भाटी ने इन कर्मचारियों को भरोसा दिलाया कि भविष्य में पूरे प्रदेश के लिए समान नीति बनाई जाएगी।
करनाल में वसूली के हुए थे आदेश
Fraud in Jobs करनाल जिले के इन कर्मचारियों को यह दिक्कत थी कि जीएम का व्यवहार सही नहीं था, जिसे सरकार ने बदल दिया है और यह सवाल उठाया गया कि सिर्फ करनाल जिले में ही क्यों अधिक वेतन वसूली के आदेश लागू किए गए, जबकि फर्जीवाड़ा पूरे प्रदेश में हो रहा है। हरियाणा की पैक्स समितियों में करीब 750 कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनमें से 658 कर्मचारी वित्तीय लेनदेन से जुड़े हुए हैं। इनमें से कुछ कर्मचारी सरकार और बैंक का पैसा पैक्स समितियों के माध्यम से अवैध रूप से निकालने में लगे हैं।
अनुचित तरीके से लगे कर्मी हटाएंगे
हरको बैंक के चेयरमैन हुकम सिंह भाटी ने कहा है कि फिलहाल करनाल के कर्मचारियों की हड़ताल समाप्त करा दी गई है, लेकिन अब पूरे प्रदेश में अनुचित तरीके से लगाए गए कर्मचारियों को हटाया जाएगा और सभी वेतन विसंगतियों को दूर किया जाएगा। इसके लिए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और सहकारिता मंत्री डा. अरविंद शर्मा से मिलकर एक समान नीति बनाने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे। हुकम सिंह भाटी के अनुसार पैक्स समितियों का संचालन बैंक के अधीन करने पर भी विचार किया जा रहा है।