FPI ने इस महीने अब तक Indian Share Market से 26,533 करोड़ रुपये निकाले
नयी दिल्ली, 24 नवंबर (भाषा)
Indian Share Market: विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने इस महीने अबतक भारतीय शेयर बाजारों से 26,533 करोड़ रुपये निकाले हैं। कंपनियों के कमजोर तिमाही नतीजों और घरेलू शेयरों के ऊंचे मूल्यांकन की वजह से FPI चीन के बाजार में निवेश कर रहे हैं। इसके चलते वे भारतीय बाजार में लगातार बिकवाल बने हुए हैं। हालांकि, FPI की बिकवाली जारी है, लेकिन अक्टूबर की तुलना में उनकी शुद्ध निकासी में काफी कमी आई है।
FPI ने अक्टूबर में भारतीय बाजार से शुद्ध रूप से 94,017 करोड़ रुपये (11.2 अरब डॉलर) निकाले थे। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, इस ताजा निकासी के बाद 2024 में अबतक विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार से शुद्ध रूप से 19,940 करोड़ रुपये निकाल चुके हैं। मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि आगे चलकर भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों का प्रवाह अमेरिकी के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों पर निर्भर करेगा।
इसके अलावा मुद्रास्फीति और नीतिगत दर भी विदेशी निवेशकों के रुख के लिए महत्वपूर्ण होगी। श्रीवास्तव ने कहा कि FPI की दिशा के लिए कंपनियों के तीसरी तिमाही के नतीजे और भू-राजनीतिक घटनाक्रम भी महत्वपूर्ण रहेंगे। आंकड़ों के अनुसार, FPI ने इस महीने अबतक यानी 22 नवंबर तक शेयरों से शुद्ध रूप से 26,533 करोड़ रुपये निकाले हैं।
वहीं अक्टूबर में उन्होंने 94,017 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की थी, जो किसी एक माह में उनकी निकासी का सबसे ऊंचा आंकड़ा था। सितंबर में FPI ने भारतीय शेयर बाजार में 57,724 करोड़ रुपये डाले थे, जो उनके निवेश का नौ माह का उच्चस्तर था। श्रीवास्तव ने कहा कि भारतीय शेयरों के ऊंचे मूल्यांकन को लेकर चिंता बनी हुई है, जिससे FPI अपना रुख अधिक आकर्षक मूल्यांकन वाले बाजारों की ओर कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भारत की कीमत पर चीन विदेशी निवेशकों से अपने आकर्षक मूल्यांकन की वजह से प्रवाह प्राप्त कर रहा है। साथ ही चीन ने अपनी सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए हाल में कई प्रोत्साहन उपायों की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि भारतीय कंपनियों के तिमाही नतीजे भी उम्मीद के अनुकूल नहीं रहे हैं और मुद्रास्फीति भी ऊंचे स्तर पर बनी हुई है, जिसकी वजह से FPI निकासी कर रहे हैं।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि विदेशी निवेशक चालू वित्त वर्ष में कंपनियों की आमदनी को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि ‘भारत में बेचो और चीन में खरीदो' वाला रुख अब समाप्त हो गया है। डोनाल्ड ट्रंप का ‘प्रभाव' भी अपने अंतिम चरण में है क्योंकि अमेरिका में भी मूल्यांकन ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है।
आंकड़ों के अनुसार, FPI ने इस महीने अबतक बॉण्ड से सामान्य सीमा के तहत 1,110 करोड़ रुपये निकाले हैं। वहीं उन्होंने स्वैच्छिक प्रतिधारण मार्ग (वीआरआर) से 872 करोड़ रुपये का निवेश किया है। कुल मिलाकर इस साल अबतक FPI ने बॉण्ड बाजार में 1.05 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है।
सेंसेक्स की शीर्ष 10 में से आठ कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 1.55 लाख करोड़ रुपये बढ़ा
सेंसेक्स की शीर्ष 10 कंपनियों में से आठ के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) में पिछले सप्ताह कुल मिलाकर 1,55,603.45 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई। एचडीएफसी बैंक और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) को सबसे ज्यादा लाभ हुआ। बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,536.8 अंक या 1.98 प्रतिशत के लाभ में रहा।
वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 374.55 अंक या 1.59 प्रतिशत चढ़ गया। शुक्रवार को सेंसेक्स 1,961.32 अंक या 2.54 प्रतिशत उछलकर 79,117.11 अंक पर बंद हुआ। एनएसई निफ्टी भी 557.35 अंक या 2.39 प्रतिशत बढ़कर 23,907.25 अंक पर पहुंच गया। शीर्ष 10 कंपनियों की सूची में रिलायंस इंडस्ट्रीज और भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के बाजार मूल्यांकन में भी गिरावट आई। अन्य कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में इजाफा हुआ।
समीक्षाधीन सप्ताह में एचडीएफसी बैंक का बाजार मूल्यांकन 40,392.91 करोड़ रुपये बढ़कर 13,34,418.14 करोड़ रुपये हो गया। सबसे अधिक लाभ एचडीएफसी बैंक को ही हुआ। टीसीएस की बाजार हैसियत 36,036.15 करोड़ रुपये बढ़कर 15,36,149.51 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। आईसीआईसीआई बैंक का मूल्यांकन 16,266.54 करोड़ रुपये बढ़कर 9,01,866.22 करोड़ रुपये पर और इन्फोसिस का 16,189.33 करोड़ रुपये बढ़कर 7,90,151.83 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
हिंदुस्तान यूनिलीवर के बाजार पूंजीकरण में 13,239.95 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई और यह 5,74,569.05 करोड़ रुपये रहा। आईटीसी की बाजार हैसियत 11,508.91 करोड़ रुपये बढ़कर 5,94,272.93 करोड़ रुपये हो गई। भारती एयरटेल का मूल्यांकन 11,260.11 करोड़ रुपये बढ़कर 8,94,068.84 करोड़ रुपये पर और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की बाजार हैसियत 10,709.55 करोड़ रुपये बढ़कर 7,28,293.62 करोड़ रुपये पर पहुंच गई।
इस रुख के उलट भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का मूल्यांकन 11,954.24 करोड़ रुपये घटकर 5,62,545.30 करोड़ रुपये रह गया। रिलायंस इंडस्ट्रीज का बाजार पूंजीकरण 2,368.16 करोड़ रुपये घटकर 17,13,130.75 करोड़ रुपये रह गया। शीर्ष 10 कंपनियों की सूची में रिलायंस इंडस्ट्रीज पहले स्थान पर कायम रही। उसके बाद क्रमश: टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, भारती एयरटेल, इन्फोसिस, भारतीय स्टेट बैंक, आईटीसी, हिंदुस्तान यूनिलीवर और एलआईसी का स्थान रहा।