Four Sahibzadas Martyrdom Day: पिहोवा में शहिदी समागम 19 से शुरु, गुरु नानक देव जी के बेदी परिवार ने माना गुरु जी का शब्द
पिहोवा निस/सुभाष पौलस्त्य,19दिसंबर
Four Sahibzadas Martyrdom Day: परमात्मा की वाणी सदैव ही सत्य होती है इस वाणी की सत्यता का जीता जागता प्रमाण है श्री गुरु नानक देव जी के बेदी परिवार के सदस्य बाबा जोगिंदर सिंह की बेदी दशम ग्रंथ में श्री गुरु महाराज ने लिखा है की तीन बेदीयों के कुल विखे पर कटे नानक राय सब सीखन को सुख दे जय तै पये सहाय।
इसी वाणी को प्रचार प्रसार करने के लिए गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक के पास श्री गुरु नानक देव जी महाराज के स्थान नानक चक से एक युवक जोगिंदर सिंह बेदी ने 1988 में पिहोवा रहना शुरू किया तथा वर्ष 2002 में उन्होंने कुरुक्षेत्र रोड पर 21 मरले भूमि खरीदी। भूमि खरीद में बलदेव फौजी प्रीतम मल्ली महेंद्र सिंह चरणजीत श्याम खिल्लन राकेश छाबड़ा अनूप सिंह जगन मुल्तानी आदि ने उनका साथ दिया।
जोगिंदर सिंह बेदी ने अपने साथियों के सहयोग से वहां पर एक कमरे का निर्माण कराया तथा वहीं पर ही उन्होंने बना डाला गुरुद्वारा । गुरुद्वारा सिंह सभा के नाम से गुरुद्वारा का निर्माण उन्होंने किया तथा वर्ष 2004 में उन्होंने धर्म प्रचार के लिए एक कदम और आगे बढ़ते हुए चारों साहबजादो व माता गुजर कौर की याद में शहीदी समागम मनाना शुरू किया नगर में विशाल शोभा यात्रा निकाली।
सबसे बड़ी दिलचस्प बात है की जोगिंदर सिंह बेदी ने चारों साहब जादो व माता गुर्जर कौर की याद में मनाए जाने वाले शहीदी समागम में लोगों के साथ सबसे ज्यादा उन्होंने पिहोवा में रहने वाले ब्राह्मण समाज को जागृत किया। गुरु गोबिंद सिंह महाराज द्वारा अपने पूरे परिवार को हिंदू धर्म व ब्राह्मणों की शिखा चोटी जनेऊ तिलक के लिए परिवार को कुर्बान करने का उन्हें याद दिलाया। गुरु तेग बहादुर गुरु गोबिंद सिंह महाराज के इस कुर्बानी की याद आते ही ब्राह्मण समाज ने भी शहीदी समागम में अपना पूर्ण सहयोग दिया। तभी से लेकर आज तक जो नगर कीर्तन निकाला जाता है उसमें सरस्वती तीर्थ के पास ब्राह्मण समाज पुरोहित वर्ग द्वारा महाराज श्री के गुरु चरणों में प्रणाम किया जाता है। प्रसाद वितरित किया जाता है तथा महाराज गुरु के चरणों में अपने श्रद्धा सुमन अर्पित ब्राह्मण समाज ही करता आ रहा है।
इस तरह से जोगिंदर सिंह बेदी द्वारा शुरू किया गया यह धर्म का मार्ग आज भी उनके सहयोग से चल रहा है। इसके पश्चात उन्होंने गुरुद्वारा के विशाल भवन का निर्माण कराया। वहीं पर लंगर भी प्रारंभ कर दिया। इसके बाद उन्होंने शुभकरमन चैरिटेबल ट्रस्ट बनाकर गुरुद्वारा में ही गरीब कन्याओं के विवाह स्कूली छात्रों को वर्दी पुस्तक वितरित करना बीमार को दवा दिलाना फ्री डिस्पेंसरी गर्मियों में वाटर कूलर जैसे अनेक धार्मिक कार्य भी शुरू किए हुए हैं। उनके साथ अब निरंजन सिंह कुलदीप मुल्तानी गुरनाम खालसा वीरेंद्र सेठी सत नारायण जिंदल रंनजोत बाजवा मोहितेश पौलस्त्य मुकुट बिहारी योगेश लकी जयपाल कौशिक सहित अनेक लोग जुड़ चुके हैं ।
इस तरह जोगिंदर सिंह बेदी द्वारा लगाया गया एक धर्म का छोटा सा पौधा आज विशाल वट वृक्ष बन चुका है। लगातार शहीदी समारोह का आयोजन व नगर कीर्तन आज भी जारी है। जो एक सप्ताह तक चलता है। इस बार यह आयोजन19दिसंबर से 25 दिसंबर तक होगा।