दो दिनों में चार अंगदान से आठ लोगों को मिली नई जिंदगी
चंडीगढ़, 23 अक्तूबर (ट्रिन्यू)
पीजीआई चंडीगढ़ ने मानव सेवा का नया उदाहरण पेश किया है। यहां दो दिनों के अंदर चार अंगदान हुए, जिससे आठ लोगों को नई जिंदगी मिली है। अंगों को विभिन्न अस्पतालों में पहुंचाने के लिए चार ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए, जो इस अद्भुत पहल की सफलता का प्रतीक हैं।
सड़क दुर्घटना में अपनी जान गंवाने वाले दो युवाओं के परिवारों ने अंगदान का साहसिक निर्णय लिया। इन परिवारों के इस कदम से हृदय, फेफड़े और यकृत जैसे महत्वपूर्ण अंगों का प्रत्यारोपण संभव हो पाया। एक व्यक्ति के हृदय का प्रत्यारोपण गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में किया गया, जबकि दूसरे के फेफड़ों का प्रत्यारोपण हैदराबाद के किम्स अस्पताल में हुआ। इसके अतिरिक्त, दोनों युवाओं के यकृत का प्रत्यारोपण दिल्ली के आईएलबीएस अस्पताल में किया गया। पीजीआई में भी दो किडनी-अग्न्याशय के साथ-साथ किडनी का प्रत्यारोपण किया गया, जिससे कुल मिलाकर पांच लोगों की जान बचाई गई। 22 अक्तूबर को 24 वर्षीय युवक के अंगों का दान किया गया। उनके परिवार ने दूसरों को जीवन का मौका देने का निर्णय लिया। चूंकि पीजीआई में हृदय, फेफड़े और यकृत के लिए कोई मिलान प्राप्तकर्ता नहीं थे, इसलिए पीजीआई के रोटो ने इन अंगों को विभिन्न अस्पतालों में आवंटित करने के लिए त्वरित कार्रवाई की। इसके पहले 21 अक्तूबर को मस्तिष्क मृत घोषित किए गए 18 वर्षीय युवक के अंगों का दान किया गया, जिससे यकृत को दिल्ली के आईएलबीएस में और किडनी-अग्न्याशय को पीजीआई में प्रत्यारोपित किया गया।
हजारों रोगियों को मिली नयी उम्मीद : प्रो. विवेक लाल
पीजीआई के निदेशक प्रोफेसर विवेक लाल ने इन साहसी परिवारों का शुक्रिया करते हुए कहा कि इन अंगदानों ने मानवीय भावना की उदारता को उजागर किया है। दुख की इस घड़ी में भी इन परिवारों ने दूसरों के जीवन को बचाने का निर्णय लिया। उनके इस साहसपूर्ण कदम से देश भर में हजारों रोगियों को नई उम्मीद मिली है। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रकार के प्रयास समाज में अंगदान के प्रति जागरूकता बढ़ाने में सहायक हैं।
टीम वर्क के कारण हो पाया अंगदान : प्रो. विपिन कौशल
पीजीआई के रोटो नॉर्थ के नोडल अधिकारी प्रोफेसर विपिन कौशल ने इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि हम इन परिवारों की महान भावनाओं के लिए और चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस के समर्थन के लिए आभारी हैं, जिन्होंने इन ग्रीन कॉरिडोर को संभव बनाया। उन्होंने कहा कि दो दिनों में चार ग्रीन कॉरिडोर स्थापित किए गए, जिससे अंगों का समय पर परिवहन सुनिश्चित किया गया। यह टीमवर्क अंगदान की सफलता के लिए महत्वपूर्ण है।