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चार सदस्यीय कमेटी करेगी जांच

06:40 AM Apr 04, 2024 IST
चार सदस्यीय कमेटी करेगी जांच
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चंडीगढ़, 3 अप्रैल (ट्रिन्यू)
राजधानी चंडीगढ़ से सटे पंचकूला में सरप्लस जमीन की रजिस्ट्री और इंतकाल से जुड़े मामले में सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। इसे पूरे मामले की जांच के लिए वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अमनीत पी़ कुमार की अध्यक्षता में 4 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। कमेटी में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के मुख्य प्रशासक टीएल सत्यप्रकाश, डिप्टी डीए सुखराम और रेवन्यू मामलों के विशेषज्ञ और सेवानिवृत्त एचसीएस अधिकारी आरके गर्ग को बतौर सदस्य शामिल किया है।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के निर्देशों पर यह कमेटी बनाई गई है। एफसीआर व मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने कमेटी को इस पूरे मामले की गहनता से जांच करके रिपोर्ट देने को कहा है। सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी और उनके बेटे द्वारा यह जमीन सस्ती दरों पर खरीदे जाने के आरोप हैं। इतना ही नहीं, नियमों के हिसाब से सरप्लस जमीन की रजिस्ट्री नहीं हो सकती। यहां बता दें कि अंबाला मंडलायुक्त ने इस जमीन पर लगभग 21 साल पुराने स्टे को हटाने के आदेश जारी किए थे। इसके बाद ही इस सरप्लस जमीन की रजिस्ट्री करवाने की कोशिश की गई। इतना ही नहीं, सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी व उनके बेटे द्वारा यह जमीन खरीदी गई। प्रदेश में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी रहे अधिकारियों से यह जमीन खरीदी गई। सूत्रों के अनुसार, जमीन का सौदा 11 करोड़ रुपये में हुआ। वहीं, इसकी रजिस्ट्री सवा 5 करोड़ में होनी थी। पंचकूला के तहसीलदार के पास मंडलायुक्त के आदेशों के बाद जब जमीन की रजिस्ट्री का मामला आया तो उन्होंने पंचकूला डीसी को इसकी सूचना दी।
मामला एफसीआर और मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद तक पहुंचा। उन्होंने रजिस्ट्री पर रोक लगा दी।
इस बारे में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को भी पूरी जानकारी दी गई। मुख्यमंत्री ने इस पर कड़ा नोटिस लेते हुए कमेटी का गठन करके जांच करवाने को कहा। यह विवाद पंचकूला के बीड़ फिरोजड़ी समेत सात गांवों की 1396 एकड़ जमीन से जुड़ा हुआ है। राजा भगवंत सिंह की यह जमीन थी। जमीन सरप्लस एक्ट 1953 और 1972 के तहत थी।

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