उत्तरकाशी के सहस्त्रताल ट्रेक पर चार महिलाओं समेत पांच पर्वतारोहियों की मौत
उत्तरकाशी, पांच जून (भाषा)
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में उच्च हिमालयी क्षेत्र सहस्त्रताल की ट्रैकिंग पर गया कर्नाटक और महाराष्ट्र के पर्वतारोहियों का एक दल खराब मौसम में रास्ता भटक गया जिसमें चार महिलाओं समेत उसके पांच सदस्यों की मृत्यु हो गयी।
प्रशासन ने यह जानकारी दी। उत्तरकाशी के जिलाधिकारी डॉ मेहरबान सिंह बिष्ट ने बुधवार को बताया कि मंगलवार शाम को 4100-4400 मीटर की उंचाई पर स्थित मल्ला-सिल्ला-कुशकल्याण-सहस्त्रताल ट्रैक पर 22 सदस्यीय पर्वतारोही दल के अन्य सदस्यों के फंसे होने की सूचना मिली जिसके बाद जमीनी और हवाई बचाव अभियान की तैयारियां शुरू की गयीं।
इस दल में 10 महिलाएं शामिल थीं । बिष्ट ने बताया कि वायु सेना, राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) और निजी हेलीकॉप्टर की मदद से अब तक 11 पर्वतारोहियों को सुरक्षित नीचे ले आया गया है।
प्रशासन के मुताबिक घटनास्थल से सुरक्षित निकाले गए 11 पर्वतारोहियों में से आठ को देहरादून लाया गया है जिनकी पहचान सौम्या कनाले, स्मृति डोलस, शीना लक्ष्मी, एस शिवा ज्योति, अनिल जमतीगे, भारत बोमन्ना गौडर, मधु किरण रेडडी तथा जयप्रकाश बी एस के रूप में की गयी है जबकि तीन अन्य पर्वतारोही—एस सुधाकर, विनय एम के और विवेक श्रीधर भटवाड़ी—नटीन में रूके हुए हैं।
बिष्ट ने बताया कि आधार शिविर में सुरक्षित दो अन्य पर्वतारोही नजदीकी सिल्ला गांव के लिए पैदल निकल चुके हैं जिनकी पहचान नवीन ए और ऋतिका जिंदल के रूप में की गयी है ।
जिलाधिकारी ने कहा कि घटनास्थल से पांच शवों को भी निकालकर नटीन हैलीपैड लाया जा चुका है । उनके मुताबिक मृतकों की पहचान सिंधु वाकेलाम, आशा सुधाकर, सुजाता मुंगुरवाडी, विनायक मुंगुरवाडी और चित्रा प्रणीत के रूप में हुई है ।
उन्होंने बताया कि दल में शामिल गाइड समेत अन्य चार पर्वतारोहियों की खोज एवं बचाव के लिए अभियान युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है।
बिष्ट ने बताया कि दोपहर बाद इस उच्च हिमालयी क्षेत्र में मौसम खराब होने के कारण हेलीकॉप्टर से बचाव अभियान में कठिनाइयां आ रही हैं, जिसके मद्देनजर जमीनी बचाव टीम को तेजी से आगे बढ़ने को कहा गया है ।
लगभग 35 किलोमीटर लंबे इस दुरूह हिमालयी ट्रैक के कारण टीम को घटनास्थल पर पहुंचने में भी समय लग रहा है। एसडीआरएफ एवं वन विभाग की जमीनी बचाव टीम दो विपरीत दिशाओं से घटनास्थल की ओर बढ़ रही हैं ।
जिलाधिकारी बताया कि वन विभाग की दस सदस्यों की रेकी एवं बचाव टीम सिल्ला गाँव से आगे पहुंच चुकी है जबकि जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से एसडीआरएफ का दल तड़के टिहरी जिले के बूढाकेदार की तरफ से रवाना हुआ है।
खोज एवं बचाव अभियान का पर्यवेक्षण एवं विभिन्न एजेंसियों के समन्वय में जुटे उत्तरकाशी के पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने बताया कि एसडीआरएफ की पर्वतारोही टीम भी जल्द ही देहरादून से हेलीकॉप्टर से ‘एरियल रेकी' के रवाना होगी ।
उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल उत्तरकाशी और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भटवाड़ी को अलर्ट पर रखा गया है। उनके अनुसार इसके अलावा भारत तिब्बत सीमा पुलिस (मातली केंद्र) से भी 14 बचावकर्मियों और एक चिकित्सक को मौके की ओर रवाना किया गया है ।
उत्तरकाशी के मनेरी स्थित हिमालयन व्यू ट्रैकिंग एजेंसी द्वारा इस दल को 29 मई को उत्तरकाशी से ट्रैक पर रवाना किया गया था जिसमें कनार्टक के 18 और महाराष्ट्र के एक पर्वतारोही के अलावा तीन स्थानीय गाइड शामिल थे।
इस ट्रैकिंग दल को सात जून तक वापस लौटना था। इसी दौरान, सोमवार को अंतिम शिविर से सहस्त्रताल पहुंचने के दौरान मौसम खराब होने से यह दल रास्ता भटक गया। संबंधित ट्रैकिंग एजेंसी द्वारा खोजबीन करने पर दल के कुछ सदस्यों की मृत्यु होने तथा अन्य के फंसे होने का पता चला ।