स्पीति घाटी के लंग्जा गांव में विकसित होगा फॉसिल पार्क
शिमला, 4 जुलाई (निस)
हिमाचल प्रदेश के शीत मरुस्थल के नाम से मशहूर स्पीति घाटी के लंग्जा गांव में फॉसिल पार्क विकसित होगा। फॉसिल विलेज के तौर पर अपनी पहचान बना चुके लंग्जा गांव में फॉसिल पार्क विकसित करने के मकसद से यहां हजारों साल पुराने जीवाश्मों को सुरक्षित व संरक्षित रखना है। सरकार ने लंग्जा में फॉसिल पार्क विकसित करने के मकसद से वन विभाग को 15 लाख की रकम मुहैया करवाई है। वन विभाग इस राशि से लंग्जा गांव के आसपास तार बाड़ करेगा। गांव के भीतर प्रवेश करने के लिए एक द्वार लगाया जाएगा। फॉसिल पार्क विकसित होने के बाद लंग्जा से किसी भी जीवाश्म अथवा पत्थर को भी बाहर लाने की अनुमति नहीं होगी। वानस्पतिक आवरण से रहित स्पीति की बर्फीली ठंडी रेगिस्तानी पहाड़ी घाटी में 14,500 फीट की ऊँचाई पर लंग्जा को आमतौर पर फॉसिल विलेज के रूप में जाना जाता है। लंग्जा के स्थानीय लोगों को जीवाश्मों के अस्तित्व के बारे में काफी जानकारी थी । जनजातीय विकास एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ. राम लाल मारकंडा का कहना है कि भूवैज्ञानिकों द्वारा सलाह दी गई थी कि जीवाश्मों को पर्यटकों को न बेचा जाए और इसके बजाय इस खजाने को संरक्षित किया जाए और साथ ही जीवाश्म शिकार से संबंधित किसी भी पर्यटन को प्रोत्साहित न किया जाए। उन्होंने कहा कि भू वैज्ञानिकों की सलाह पर लंग्जा में फॉसिल पार्क विकसित किया जा रहा है। उनका कहना है कि लंग्जा में थोड़ी सी खुदाई में आसानी से जीवाश्म मिल जाते हैं। मान्यता है कि इन जीवाश्मों के यहां पाए जाने का कारण मुध और गुलिंग में भारतीय और यूरेशियन टैक्टोनिक प्लेटों का आपस में टकराव था जिसके कारण ये यहां बहुतायत में पाए जाते हैं।