पूर्व एसएचओ को 10 साल की कैद, 5.70 लाख जुर्माना
मोहाली, 23 दिसंबर (हप्र )
करीब 32 साल पुराने अपहरण, अवैध कारावास और लापता करने के मामले में सीबीआई की विशेष जज मनजोत कौर की अदालत ने पूर्व एसएचओ सुरिंदरपाल सिंह को अलग-अलग धाराओं में 10 साल की कैद व 5.70 लाख जुर्माने की सजा सुनाई है। अदालत ने कहा है कि अगर दोषी सुरिंदरपाल सिंह ने जुर्माना अदा नहीं किया तो उसकी दो साल की सजा बढ़ा दी जाएगी। पिछली सुनवाई में सीबीआई अदालत ने पूर्व एसएचओ सुरिंदरपाल सिंह सहित उसके सहआरोपी एएसआई अवतार सिंह को दोषी करार दिया था। अवतार सिंह की ट्रॉयल दौरान मौत हो गई थी। दोषी सुरिंदरपाल सिंह जोकि तत्कालीन एसएचओ था जसंवत सिंह खालड़ा कत्ल केस में पहले ही उम्र कैद की सजा काट रहा है। उसको तरनतारन के गांव जिओबाला के चार पारिवारिक मेंबर को अगवा करके लापता करने के एक अन्य केस में भी 10 साल की सजा सुनाई गई है।
मामले के अनुसार आरोप था कि 31 अक्तूबर 1992 की शाम को सुखदेव सिंह वाइस प्रिंसिपल और उसके 80 वर्षीय ससुर सुल्लखन सिंह (स्वतंत्रता सेनानी निवासी भकना) को एएसआई अवतार सिंह के नेतृत्व में पुलिस पार्टी ने हिरासत में लिया था। अवतार सिंह ने परिवार वालों को सूचना दी थी कि सुखदेव सिंह और सुल्लखन सिंह को एसएचओ सुरिंदरपाल सिंह ने पूछताछ के लिए बुलाया है। फिर दोनों को तीन दिन तक पुलिस थाना सरहाली तरनतारन में अवैध तरीके से रखा गया, जहां परिवार और अध्यापक यूनियन के मेबर उनको मिले। उसके बाद उनका कोई पता नहीं लगा। इस मामले में सुखदेव सिंह की पत्नी सुखवंत कौर ने पुलिस के उच्चाधिकारियों को शिकायत की थी सुखदेव सिंह और सुल्लखन सिंह को अपराधिक मामलों में फंसाया गया है। उस समय सुखदेव सिंह सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल लोपोके जिला अमृतसर के लैक्चरार-वाइस प्रिंसिपल के तौर पर सेवाएं निभा रहे थे और उनके ससुर सुल्लखन सिंह स्वतंत्रता सेनानी थे। वह आजादी की लहर के दौरान बाबा सोहन सिंह भकना के नजदीकी साथियों में एक थे। उन्होंने उसके साथ जेल भी काटी थी। इस मामले में पूर्व विधायक सतपाल डांग और विमला डांग ने भी तत्काली मुख्यमंत्री पंजाब बेअंत सिंह को अलग-अलग पत्र लिखे और मुख्यमंत्री ने भी जवाब दिया कि वह पुलिस की हिरासत में नहीं है।