पंजाब के पूर्व डीजीपी वीके भावरा पहुंचे हाईकोर्ट
चंडीगढ़, 21 मई (ट्रिन्यू)
पंजाब के पूर्व डीजीपी वीके भावरा ने आज पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दावा किया कि उन्हें ‘गैरकानूनी कृत्यों में भाग लेने के लिए कहा गया था, जिसमें सार्वजनिक हस्तियों के खिलाफ मामले दर्ज करना शामिल था, लेकिन ये यहीं तक सीमित नहीं था’। जस्टिस दीपक सिब्बल और जस्टिस दीपक मनचंदा की खंडपीठ के समक्ष रखी गई याचिका में भावरा ने कहा कि मार्च 2022 में वर्तमान सरकार के सत्ता संभालने के बाद उन पर डीजीपी पद का प्रभार छोड़ने का दबाव डाला गया था। अन्य बातों के अलावा, भावरा ने ‘सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय किए गए कानून के पूर्ण उल्लंघन में स्थानांतरण की आड़ में’ खुद को डीजीपी पद से हटाए जाने को चुनौती दी है। मामले पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई ग्रीष्मावकाश की समाप्ति के बाद 4 जुलाई को तय की है। वकील बिक्रमजीत सिंह पटवालिया और सुखमनी टी पटवालिया के माध्यम से दायर याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता डीएस पटवालिया ने पीठ के समक्ष बहस की। निवर्तमान डीजीपी गौरव यादव प्रतिवादी के रूप में सूचीबद्ध पांच लोगों में से हैं।
भावरा ने कहा, ‘जब वर्तमान सरकार ने कार्यभार संभाला, तो याचिकाकर्ता पर डीजीपी पद का प्रभार छोड़ने के लिए दबाव डाला गया क्योंकि ऐसा माना जाता था कि वह पिछली सरकार द्वारा नियुक्त व्यक्ति था। यह निराधार था क्योंकि याचिकाकर्ता को यूपीएससी द्वारा आयोजित वैध प्रक्रिया के अनुसरण ही नियोजित किया गया था।’