पीयू के पूर्व प्रो. जयप्रकाश की अंत्येष्टि आज
चंडीगढ़, 2 दिसंबर (ट्रिन्यू)
पंजाब विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के पूर्व प्रोफेसर प्रो. जयप्रकाश का गत दिवस बंगलुरु में ब्रेन स्ट्रोक के चलते निधन हो गया। भाषाविद् प्रो. जयप्रकाश हिंदी विभाग के अध्यक्ष भी रहे हैं। उनकी कई पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। उनके साहित्यिक योगदान के लिए उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। उनके जाने से साहित्य जगत में अपूर्णीय क्षति हुई है। उनकी पत्नी डॉ. मंजु शर्मा भी हिंदी की सेवानिवृत्त प्राध्यापिका एवं लेखिका हैं। प्रो. जयप्रकाश की पार्थिव देह आज बंगलुरु से चंडीगढ़ लाई गयी। उनका अंतिम संस्कार मंगलवार को सेक्टर-25 के श्मशानघाट में होगा। 28 अक्तूबर 1943 को उत्तर प्रदेश के फरुखाबाद में जन्मे जयप्रकाश शर्मा अपने पीछे पत्नी डॉ. मंजु शर्मा, पुत्र-पुत्रवधू, दो पौत्र, बिटिया-दामाद एवं नाती से भरा-पूरा परिवार छोड़ गए। प्रोफेसर जयप्रकाश अपनी निर्भीकता एवं मुखर अभिव्यक्ति के लिए विख्यात रहे। उन्होंने ‘ध्वनि एवं रचना-सन्दर्भ’, ‘काव्य में अर्थबोध की समस्या’, ‘तुलसीदास : नए साक्षात्कार’, बिहारी की काव्य-सृष्टि’, ‘देव’, ‘गोपाल सिंह नवीन-कृत ‘दानलीला’, ‘कवि कुंवर कुशल-कृत ‘कवि-रहस्य’ जैसी कई महत्वपूर्ण पुस्तकों का लेखन किया। उनके निर्देशन में लगभग 36 विद्यार्थियों ने पीएच-डी. उपाधि प्राप्त की। पीयू से रिटायर होने से पहले उन्होंने गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर के हिन्दी-विभाग में बतौर प्राध्यापक अपनी सेवाएं प्रदान कीं।