पूर्व विधायक सूरजभान काजल ने छोड़ी जजपा
दलेर सिंह/हप्र
जुलाना (जींद), 31 अक्तूबर
जुलाना विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक एवं जजपा के विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश प्रभारी सूरजभान काजल ने जननायक जनता पार्टी छोड़ दी है। मंगलवार को प्रेस वार्ता में उन्होंने इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि जजपा में उन्हें एवं कार्यकर्ताओं को कोई मान-सम्मान नहीं मिला। जुलाना हलके के लोगों के सार्वजनिक कार्य भी वो नहीं करवा पा रहे थे। उन्होंने कई बार पार्टी हाईकमान व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के सामने अपना पक्ष रखा, लेकिन उन्होंने भी उनकी बात को तव्वजो नहीं दी। ऐसे में समर्थकों का उन पर पिछले लंबे समय से जजपा छोड़ने का दबाव था।
सूरजभान ने कहा कि वे ताऊ देवीलाल के समय से पार्टी से जुड़े थे। ताऊ देवीलाल की कार्यशैली लोगों को कायल करने वाली थी, लेकिन दुष्यंत चौटाला की कार्यशैली बहुत अलग है। उन्हाेंने कहा कि 2019 में इनेलो में हुई टूट के बाद वह जजपा में आ गये, लेकिन आज उन्हें यह लगता है कि इनेलो को नहीं छोड़ना चाहिए था। अब वे इनेलो में शामिल होंगे या कांग्रेस में, यह निर्णय कार्यकर्ताओं से चर्चा के बाद ही लेंगे।
हथवाला गांव निवासी सूरजभान काजल पेशे से वकील और किसान हैं। वे वर्ष 1991 में जनता पार्टी के टिकट पर जुलाना से कांग्रेस उम्मीदवार परमेंद्र सिंह ढुल को हराकर पहली बार विधायक बने थे। इसके बाद 1996 में समता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और हविपा के सत्यनारायण लाठर से हार गये। वर्ष 2004 में इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला ने उन्हें चुनाव मैदान में उतारा, लेकिन इस बार वे कांग्रेस के आईजी शेर सिंह से हार गये। हार के बावजूद तत्कालीन सीएम ओमप्रकाश चौटाला ने सूरजभान को सरकार में कैबिनेट दर्जा देते हुए वित्त आयोग का चेयरमैन बनाया था।