रिश्वत मामले में फंसी पूर्व इंस्पेक्टर ने डीजीपी को लिखा पत्र
मोहाली, 5 सितंबर (हप्र)
100 करोड़ रुपए की ठगी के मामले में एक नया मोड़ आ गया है। इस मामले में साइबर सेल की इंचार्ज रही अमनजोत कौर पर 25 लाख रुपए की रिश्वत मांगने का आरोप लगा था। अदालत के निर्देशों पर इंस्पेक्टर अमनजोत कौर के खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया था। अब इस मामले में अमनजोत कौर ने पंजाब के डीजीपी को एक पत्र लिखकर इस मामले की जांच ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन या स्टेट साइबर सेल से करवाने की मांग की है। सूत्रों के अनुसार पूर्व इंस्पेक्टर अमनजोत कौर ने पत्र में लिखा है कि उसने 100 करोड़ रुपए की ठगी का पर्दाफाश किया था लेकिन अब इस मामले को नेता व पुलिस के बड़े अधिकारी दबाने का प्रयास कर रहे हैं। उसने यह भी आरोप लगाया कि इस मामले में उसे झूठा फंसाकर मामले से हटाया गया है ताकि वह इसकी जड़ तक न पहुंच सके। उसने कहा कि उसके खिलाफ विभागीय जांच चल रही है।
बता दें कि 9 जनवरी को साइबर सेल प्रभारी अमनजोत कौर ने गुप्त सूचना के आधार पर एक फर्जी कॉल सेंटर पर छापेमारी कर आरोपियों को गिरफ्तार किया था। वह इस मामले की जांच अधिकारी थी। बाद में अमनजोत कौर पर पंचकूला निवासी महिला पलक देव ने 25 लाख रुपये की रिश्वत का मांगने का आरोप लगाया था। अदालत ने इस मामले की जांच एसपी रैंक के अधिकारी से करवाने के लिए कहा था।
इस मामले में पंचकूला के सेक्टर-17 निवासी पलक देव ने चीफ मिनिस्टर एंटी करप्शन हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत करके 25 लाख रुपये रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था।
आरोप था कि एसएएस नगर की साइबर सेल की इंचार्ज अमनजोत कौर ने यह रिश्वत दस जनवरी 2024 को विजय राज कपूरिया और पांच अन्य पर दर्ज किए गए आईपीसी की धारा 420, 120-बी और आईटी एक्ट के सेक्शन-66 के तहत दर्ज किए गए मामले में मांगी थी। शिकायतकर्ता का आरोप था कि यह रिश्वत विजय राज कपूरिया को रिमांड के दौरान टार्चर न करने के एवज में मांगी गई थी।
क्या कहते हैं डीजीपी
डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि अभी मुझे शिकायत मिली नहीं है शिकायत मिलने पर इस केस पर मैं जांच करवाऊंगा